आज अर्थशास्‍त्र विषय में शिक्षक डॉक्टर विजय कुमार गुप्ता से सुने न्यून माँग को ठीक करने के मौद्रिक उपाय। जल्दी से क्लिक करे ऑडियो पर और सुने आज की कड़ी।

दोस्तों, अब तक ये लगता था कि बीड़ी मजदूरों को वेतन की दिक्कत है, अधिकारों की समस्या है पर जैसे—जैसे हम बीड़ी मजदूरों की दुनिया में आगे बढ़ रहे हैं.. लग रहा है यहां कुछ भी ठीक नहीं. सरकार ने उनके इलाज के लिए इकलौता अस्पताल बनवाया पर यहां क्या होता है, आप खुद ही सुनिए...

बीड़ी मजदूर अपनी समस्याओं के समाधान के लिए मजदूर संगठनों से मदद मांगते हैं और मजदूर संगठन इतने लाचार हैं कि उनकी समस्याएं श्रम विभाग के अधिकारियों तक पहुंच भी नहीं पातीं. वे जाते हैं, ज्ञापन सौंपते हैं और चले आते हैं..कोई नहीं जानता कि किसी ने कागज पर लिखी मजदूरों की दिक्कतों को पढ़ा भी या नहीं... आखिर क्यों ​नहीं हो रही है सुनवाई.. पूरा माजरा समझने के लिए अभी क्लिक करें और सुनें..

बीड़ी मजदूर और सुलगते सवाल कार्यक्रम की नई कड़ी में आज का सुलगता सवाल है बच्चों का भविष्य। जो नशा हर उम्र हर वर्ग के लोगों के लिए खतरनाक है उस नशे को बनाने में बचपन झुलस रहा है, वो भी सिर्फ ​इसलिए ताकि उनके घर का चूल्हा जलता रहे! बीड़ी बनाने वाली एक बाल मजदूर से सुनिए उसकी पीड़ा..

आरामपुर गाँव के बच्चे अचानक से बीमार पड़ने लगे है। स्कुल में छुट्टी दे दी गई है। और इधर पंचायत में आज गाँव वाले इकठ्ठा हुए है। और सुरीली गाँव वालों को कुछ जरुरी बातें बता रही है। जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

आसान नहीं है किसी महिला के लिए चुल्हे की आग को जलाए रखना ताकि उसका परिवार भूखे पेट ना सोए और साथ में जलाए रखना खुद को... काम की आग मेंं ताकि उसके परिवार को आर्थिक दिक्कतें ना हों.. फिर चाहे इसके बदले उसे कोई भी तकलीफ क्या ना हो! दोस्तों आज हम आपके सामने लेकर आए हैं महिला बीड़ी श्रमिक की बात, सुनने के लिए अभी करें क्लिक

बीड़ी मजदूर और सुलगते सवाल कार्यक्रम में आपका स्वागत है! आज कार्यक्रम की पहली कड़ी है और हम यहां आपसे कुछ नहीं कहना चाहते बल्कि आपको सुनाना चाहते हैं बीड़ी मजदूरों की परेशानी उन्ही की जुबानी...आइए सुनते हैं.

दोस्तों, कितनी ही बार हमने अपने आसपास सिगरेट—बीड़ी का कश लगाते हुए लोगों को देखा है.. और जब भी देखा है बस यही सोचा है कि आखिर क्यों...! लोग जिंदगी को यूं धुएं में उड़ाए जा रहे हैं. पर कभी छांका है उस धुएं में धुआं होती उन जिंदगियों के भीतर, जो ना चाहते हुए भी इस दलदल में फंसी हैं! जो जानती हैं कि ये बीड़ी कई परिवारों की खुशियां छीन रही है, कई लोगों के सांसे थामें जा रही है और फिर भी जली जा रही है! इस बीड़ी को जलाए रखना उनकी मजबूरी है, क्योंकि उनके पास कोई नहीं है जो हाथ आगे बढ़ाकर उन्हें इस दलदल से बाहर ले आए.. ज़्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

आखिर सातो के इस्तेमाल से हमारा स्वास्थ्य कैसे जुड़ा है ? जहाँ कम पानी है वहाँ सातो के क्या फायदे है ? आज सुरीली भाभी सभी गाँव वालों को क्या बताने वाली है ? इन सारी बातों को जानने के लिए अभी इस ऑडियो को क्लिक करें।

मनोविज्ञान शिक्षिका उमा शाह आज बता रही है शिक्षण सिद्धांतों के अनुप्रयोग क्या क्या हैं उसके बारे में।विस्तारपूर्वक जानकारी के लिए सुनें ऑडियो...