उत्तर प्रदेश राज्य के ग़ाज़ीपुर जिला से मोनिका राजभर ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि स्थानीय तहसील के अधिवक्ताओं के सामने प्रशासन को झुकना पड़ा और आरोपी लेखपालों का स्थानांतरण जनपद के गैर तहसील में कर दिया गया। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

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अंडर पास बनने की मांग को लेकर किया प्रदर्शन

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CRISIL के अनुसार 2022-23 में किसान को MSP देने में सरकार पर ₹21,000 करोड़ का अतिरिक्त भार आता, जो कुल बजट का मात्र 0.4% है। जिस देश में ₹14 लाख करोड़ के बैंक लोन माफ कर दिए गए हों, ₹1.8 लाख करोड़ कॉर्पोरेट टैक्स में छूट दी गई हो, वहां किसान पर थोड़ा सा खर्च भी इनकी आंखों को क्यों खटक रहा है? आप इस पर क्या सोचते है ? इस मसले को सुनने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

देश के किसान एक बार फिर नाराज़ दिखाई दे रहे हैं। इससे पहले साल नवंबर 2020 में किसानों ने केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के रद्द करने के लिए दिल्ली में प्रदर्शन किया था और इसके बाद अगले साल 19 नवंबर 2021 को केंद्र सरकार ने तीनों कानून वापस ले लिए थे, हालांकि इस दौरान करीब सात सौ किसानों की मौत हो चुकी थी। उस समय सरकार ने किसानों की कुछ मांगों पर विचार करने और उन्हें जल्दी पूरा करने का आश्वासन दिया था लेकिन ऐसा अब तक नहीं हआ है। और यही वजह है कि किसान एक बार फिर नाराज़ हैं।

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सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक कर सुनें पूरी खबर। ऐसे ही और भी जानकारियों के लिए गाजीपुर मोबाइल वाणी के निःशुल्क नंबर 09266300111 पर कॉल करें। और अपनी राय देने के लिए दबाएं अपने फोन में नंबर 3 का बटन ।

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