आपलोग हमें बताएं कि केवल परीक्षा में लाये हुए अच्छे नंबर ही एक अच्छा और सच्चा इंसान बनने का माप दंड कैसे हो सकता है? अक्सर देखा जाता है कि माता पिता अपने बच्चों के तुलना दूसरे बच्चों से करते है. क्या यह तुलना सही मायने में बच्चे को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करती है या उनके मन में नकारात्मक सोच का बीज बो देती है ? आपको क्या लगता है? इस पर आप अपनी राय, प्रतिक्रिया जरूर रिकॉर्ड करें। और हां साथियों अगर आज के विषय से जुड़ा आपके मन में किसी तरह का सवाल है तो अपने सवाल रिकॉर्ड करें अपने फ़ोन नंबर 3 दबाकर। हम आपके सवालों का जवाब ढूंढ कर लाने की पूरी कोशिश करेंगे।

जिलों में 60 विद्यालयों में होगी लर्निंग बाईडूइंग लेब होगी स्थापना

दिलदारनगर में ग्रामीण युवाओं के लिए आगाज अकादमी का शुभारंभ निशुल्क

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राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान सम्मानित हुए राकेश दुबे

गाजीपुर नहीं मिल रहा सुविधाओं का डिफेंस

विलय हुए 88 विद्यालय में खुली बाल वाटिका

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