उत्तर प्रदेश राज्य के दुल्लापुर से रमेश सोनी और उनके साथ एक ग्रामीण मोहम्मद सफीक हैं वे गाजीपुर मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि दुल्लापुर के कोटेदार द्वारा दो माह से राशन नहीं दिया जा रहा है। लोग राशन लेने के लिए प्रति माह दुकान जाते हैं लेकिन कोटेदार यह कह कर अनाज देने से मना कर देते हैं कि नेट फेल है मशीन काम नहीं कर रहा है। कृपया इस पर जल्द से जल्द कोई कदम उठाया जाए Muhammad Shafique from Ghazipur, Uttar Pradesh tells that whenever he goes to the ration shop to get his quota of ration, the Kotedaar’s (fair price shop dealer) Internet ceases to workand half of the people return empty hand. He has gone to the ration shop three times but every time the dealer has given him the same excuse of the Internet not been functioning.He has not received any ration in last two months.

गाजीपुर। महा ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन- गाजीपुर के सेवराई तहसील अध्यक्ष सत्यानंद उपाध्याय को शनिवार की रात्रि लगभग 8:00 बजे गहमर थाना के पुलिस कर्मी अंजनी राय ने फोन किया और उसने फोन पर ही धमकी भरे शब्दों में पत्रकार से गलत शब्दो का प्रयोग करते हुए खबरों को गलत ढ़ंग से लिखने का दोषारोपण किया और कहा कि नसीम खान पत्रकार का साथ छोड़ दो, वरना तुम्हे परेशानी उठाना पड़ेगा। जिस पर पत्रकार ने कहा कि श्रीमान अगर आपको लगता है की मेरे द्वारा लिखी हुई खबरें गलत हैं तो आप कोर्ट में चुनौती दीजिए उसका हम उत्तर कोर्ट में ही देंगे लेकिन आप किसी भी खबर को गलत या सही नहीं ठहरा सकते हैं क्योकि ख़बरे साक्ष्य के आधार पर होती है। और आप कौन होते है एक पत्रकार को दूसरे पत्रकार (समाचार पत्र) से अलग करने वाले। क्या आप को पता नही है कि मा. मुख्यमंत्री जी एवं डीजीपी (उ. प्र.) महोदय ने पत्रकारो से कैसे पेश आये का लिखित/मौखिक आदेश दिया है, फिर भी आप...? जबकि पुलिस कप्तान महोदय गाजीपुर हमेशा शिष्टाचार एवं शालीनता से पत्रकारों के साथ पेश आने की बातें बार-बार कहते हैं। लगता है कि आपके ऊपर जिम्मेदार अधिकारी एवं पुलिस कप्तान महोदय का अंकुश नहीं रहा, कि पत्रकारों को आप ऐसे लहजे में फोन पर धमकाते हैं। इस बाबत अन्य पत्रकारों को जब सूचना मिली तो स्थानीय पत्रकारो ने एक आपातकालीन मीटिंग (कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए) रविवार के दिन किया और उसमें तय हुआ कि ऐसा पुलिस जो 4 साल से गहमर थाने पर नियुक्त है को तत्काल हटाया जाए तथा प्रशासन उचित कार्रवाई करे। इस मामले की सूचना जब महा ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष उपेन्द्र यादव को हुई तो उन्होंने कहा कि अगर जनपद के किसी भी पत्रकार के ऊपर अत्याचार या उत्पीड़न होता है तो हमारा संगठन उस व्यक्ति के खिलाफ चाहे वह जो भो हो हम आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं और रहेंगे भी, अगर इस मामले में जिला अधिकारी महोदय एवं पुलिस कप्तान महोदय संज्ञान नहीं लेंगे तो मजबूर होकर के हम पत्रकार बंधुओं को सड़क पर उतरना पड़ सकता है।

गुजरात मे फेरी करके चलाते थे जीविका,लेकिन घर आने पर मनरेगा में मिला रोजगार, सुने खास वार्ता सच के दम में

मनरेगा ने बदली जिन्दगी ,सच के दम अभियान ,में साक्षत्कार में बोले साधु यादव

उत्तरप्रदेश राज्य के गाज़ीपुर ज़िला से उपेन्दर कुमार ने गाज़ीपुर मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि दुल्लाहपुर पावर हाउस से पिछले 24 घंटों से विद्युत सप्लाई न होने से क्षेत्र के दर्जनों गांव में अंधेरा छाया हुआ था।बिजली के अभाव में किसान ,प्राइवेट सेक्टर के लोग एवं ग्रामीणों काफ़ी परेशान थे।इस ख़बर को संवाददाता उपेन्दर कुमार द्वारा दिनांक 9 जुलाई 2020 को गाज़ीपुर मोबाइल वाणी पर प्रसारित किया गया था। जिसका शीर्षक 'पिछले 24 घण्टे से दुल्लाहपुर क्षेत्र में विधुत सेवा बाधित ' था। ख़बर प्रसारित करने के बाद इसे संबंधित जे ई और एसडीओ के मोबाइल नंबर पर फॉरवर्ड किया गया। साथ ही गाज़ीपुर मोबाइल वाली संवाददाता प्रमोद वर्मा और उपेन्दर कुमार द्वारा एसडीओ से व्यक्तिगत रूप से बातचीत भी की गई। जिससे पता चला कि मैन सप्लाई 132केवी /33 का तार टूट जाने के कारण विद्युत व्यवस्था सुचारू रूप से नहीं प्राप्त हो रही है।वार्ता करने पर एसडीओ ने रात तक बिजली व्यवस्था पुनः चालू करवाने का आश्वासन दिया लेकिन फिर भी बिजली सही नहीं हुई। एसडीओ से पुनः इस बारे में बात किया गया और बिजली व्यवस्था को तत्काल सही कराने का आश्वासन मिला। जिसके बाद देर शाम तक विधुत सेवा को सही कर दिया गया और अब विद्युत व्यवस्था सुचारु रुप से मिल रही है। जिससे लगभग 50 से अधिक गांव की बिजली व्यवस्था सुधर गई है और यहां के ग्रामीण काफी खुश हैं। इस सन्दर्भ में हरदासपुर खुर्द के एक ग्रामीण जगधारी राम से वार्ता हुई। जिसमें उन्होंने बताया कि 9 जुलाई 2020 को उनके द्वारा भी ख़बर प्रसारित किया गया था ,जिसके 2 घंटे के अंदर ही बिजली आ गई। गाज़ीपुर के इस सराहनीय कार्य के लिए सभी ग्रामीण खुश हैं।

सच का दम,सीनियर सिटीजन सरकार की महत्वपूर्ण योजना बनी लेकिन यूबीआई बैंक में खाता धारक का खाता बन्द होने से हो रही तमाम दिक्कते,सुने वार्ता में

सच का दम,कोरोना वायरस कैसा महामारी है ग्रामीणो को नही है जानकारी,सुने राजेन्द्र तिवारी की खास वार्ता

Transcript Unavailable.

उत्तर प्रदेश से रमेश सोनी गाजीपुर  भारत और चीन के बीच चल रहे गतिरोध के बीच केन्द्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए भारत में 59 चीनी ऐप (Chinese app) को प्रतिबंधित कर दिया। जिसमें टिकटॉक (Tik tock), हेलो (Hello), लाइकी (Like), शेयर इट (Share It) जैसे कई लोकप्रिय एप शामिल है। इन ऐप (App) को प्रतिबंधित करने को लेकर सरकार ने इनसे देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा बताया और यह आरोप लगाया कि यह ऐप भारतीय यूजर्स के डाटा अन्य कंपनियों को शेयर करते हैं। इसी बीच पूरे बैन लिस्ट में पबजी (PubG) और जूम (Zoom) को ना देख कई लोग यह सवाल करने लगे आखिर पबजी और जूम ऐप को क्यों नहीं बैन किया गया। जबकि सरकार खुद इन ऐप को इस्पेमाल ना करने की सलाह देती है। तो आइए जानते है कि सरकार ने आखिर इन दोनों को क्यों नहीं प्रतिबंधित किया। पहले बात करते है भारत के युवाओं के बीच खासे लोकप्रिय ऑनलाइन गेम पबजी की। आपको बता दें कि यह लोकप्रिय गेम चीनी नहीं बल्कि साउथ कोरियाई गेम है। इसे ब्लूव्हेल की सहायक कंपनी बैटलग्राउंड ने बनाया है। इस गेम को शुरुआत में Brendan ने बनाया था, जो कि 2000 की जापानी फिल्म Battle Royal से प्रभावित था। चीनी कनेक्शन की बात करें, तो चीनी सरकार ने शुरुआत में PUBG गेम को चीन में इजाजत देने से मना कर दिया था। लेकिन बाद में चीन के सबसे बड़े वीडियो गेम पब्लिशर Tencent की मदद से इसे चीन में  पेश किया गया। इसके बदले PUBG में चीनी Tencent कंपनी को हिस्सेदारी देनी पड़ी। इसके बाद ही PUBG को चीनी सरकार की तरफ से इजाजत मिली। इसे चीन में Game of peace के नाम से पेश किया गया। इसी गेम को साउथ कोरिया में Kakao Games की तरफ से मार्केटेड और डिस्ट्रीब्यूट किया जाता है। वहीं दूसरी तरफ कोरोना संकट के समय ऑनलाइन बैठकें और गोष्ठियों के लिए लोकप्रिय हुए जूम ऐप एक अमेरिकी कंपनी है। इसका हेडक्वार्टर कैलिफोर्निया के San Jose में है। कंपनी की बड़ी वर्कफोर्स चीन में काम करती है, जिस पर पिछले दिनों सर्विलांस और सेंसरशिप को लेकर सवाल खड़े किए गए थे।

देश में बढ़ते कोराना संक्रमण से जहां पूरे देश में लाक डाउन लगा हुआ है इससे किसान मनरेगा मजदूर दिहाड़ी मजदूरी सभी को काफी समस्याएं उत्पन्न हो रही है आइए इसी संदर्भ में बात करते हैं एक छोटे व्यापारी से जो अपनी छोटी मोटी दुकान से अपनी जीविका चलाते हैं पूरी जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर