, आप सुन रहे हैं , मैं ग़ाज़ीपुर मोबाइल फ़ोन में हूँ , मैं इच्छा कुमारी के पास जा रहा हूँ , मैं एक कविता पढ़ने जा रहा हूँ , मैं गाँधी बन जाऊँगा , मैं दोस्तों के बीच बैठूँगा और रघुपति रा गाऊँगा । पनूंगा खादी की चादर धूंगा , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर , गाड़ी की चादर ।