किसान विकास पत्र एक सेविंग स्कीम है जो भारतीय नागरिकों के लिए शुरू की गई है। इस सेविंग स्कीम के जरिए 118 महीनों (9 साल 10 महीना) की अवधि में आपका निवेश डबल हो जाता है। यह निवेश योजना सर्टिफिकेट फॉर्मैट में होता है। कोई अगर इसमें निवेश करना चाहता है तो वह चुनिंदा सरकारी बैंकों या फिर भारतीय पोस्ट ऑफिस के किसी भी ब्रांच से किसान विकास पत्र सर्टिफिकेट को खरीद सकता है। किसान विकास पत्र भारत सरकार की एक स्मॉल फिक्स्ड रिटर्न स्कीम है। किसान विकास पत्र की विशेषताएं किसान विकास पत्र (KVP) सर्टिफिकेट निवेश योजना में कम से कम 1000 रुपए या 5000 रुपए से लेकर ज्यादा से ज्यादा 10,000 या 50,000 रुपए तक निवेश किया जा सकता है। ब्याज दर 7.7 प्रतिशत सलाना है। किसान विकास पत्र निवेश पर कोई मैक्सिमम लिमिट नहीं है। किसान विकास पत्र के लिए सर्टिफिकेट पोस्ट ऑफिस से प्राप्त किया जा सकता है। इसके एप्लीकेशन कुछ सरकारी बैंकों से प्राप्त किए जा सकते हैं। अगर आप निवेश शुरू करने के बाद समय से पहले पैसे विड्रॉ करना चाहते हैं तो आप ढाई साल यानि कि 30 महीनों के बाद कुछ नियम व शर्तों के साथ पैसे निकाल सकते हैं। मैच्योरिटी की अवधि और ब्याज दर दोनों वित्त मंत्रालय के आदेश के मुताबिक कभी भी बदल सकते हैं। किसान विकास पत्र एक पोस्ट ऑफिस से दूसरे पोस्ट ऑफिस और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के बीच ट्रांसफर किया जा सकता है। आईटी एक्ट की धारा 80 सी के तहत इस योजना में टैक्स सेविंग का फायदा नहीं मिलता है। किसान विकास पत्र योजना के फायदे किसान विकास योजना के चूंकि टैक्स सेविंग योजना नहीं है फिर भी निवेशकों के लिए इसके कई फायदे हैं किसान विकास पत्र योजना में निश्चित रुप से रिटर्न मिलता है क्योंकि यह सरकारी योजना है। किसान विकास पत्र एक लंबी अवधि वाली निवेश योजना है जिसमें 118 महीनों तक आपको निवेश करना पड़ता है जिसका आपको डबल फायदा मिलता है। यह एक लचीला निवेश योजना है जिसका कोई अपर लिमिट नहीं है। किसान विकास पत्र का उपयोग लोन को सुरक्षित करने के लिए किया जा सकता है। इसे एक पोस्ट ऑफिस से दूसरे और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक ट्रांसफर किया जा सकता है। किसान विकास पत्र योजना के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया एक वयस्क भारतीय नागरिक (जिसकी उम्र 18 साल से ऊपर हो) वह इस योजना में निवेश करने के लिए अप्लाई कर सकता है।