हांगकांग के फूड सेफ्टी विभाग सेंटर फॉर फूड सेफ्टी ने एमडीएच कंपनी के मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला मिक्स्ड पाउडर और करी पाउडर मिक्स्ड मसाला में कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड पाया है और लोगों को इसका इस्तेमाल न करने को कहा है. ऐसा क्यों? जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

हम सभी रोज़ाना स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी कई अफवाहें या गलत धारणाएं सुनते है। कई बार उन गलत बातों पर यकीन कर अपना भी लेते हैं। लेकिन अब हम जानेंगे उनकी हकीकत के बारे में, वो भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में। याद रखिए, हमारा उद्देश्य किसी बीमारी का इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है। सेहत और बीमारी को लेकर अगर आपने भी कोई गलत बात या अफवाह सुनी है, तो फ़ोन में नंबर 3 दबाकर हमें ज़रूर बताएं। हम अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानेंगे उन गलत बातों की वास्तविकता, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में।

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हम सभी रोज़ाना स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी कई अफवाहें या गलत धारणाएं सुनते है। कई बार उन गलत बातों पर यकीन कर अपना भी लेते हैं। लेकिन अब हम जानेंगे उनकी हकीकत के बारे में, वो भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में। याद रखिए, हमारा उद्देश्य किसी बीमारी का इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है। सेहत और बीमारी को लेकर अगर आपने भी कोई गलत बात या अफवाह सुनी है, तो फ़ोन में नंबर 3 दबाकर हमें ज़रूर बताएं। हम अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानेंगे उन गलत बातों की वास्तविकता, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में।

छत्तीसगढ़ के जिला कोण्डागांव के हरदीपाड़ा बलिंगा से साधन साहू मोबाइल वाणी के माध्यम से मड़िया पेज बनाने के विधि के बारे में बता रही है ,मड़िया पेज बनाने के लिए एक कटोरी आटा दो कटोरी पानी में अच्छे से भीगना है और भिगाने के बाद तीन दिनों के लिए छोड़ देना है। तीन दिन अगर अच्छे से भीग जाये और उसमे खट्टापण उसमे आ जाये।उसके बाद उस चीज को दस लीटर पानी में उसे खोला दें।उसके बाद उसमे स्वाद अनुसार से आधा कटोरी दलीय ,आधा कटोरी मक्का और आधा कटोरी चावल डाल कर अच्छी तरीके से आधा घंटा तक पकाना है.ताकि आटा और चावल पूरी तरह से मिल जाये उसके बाद उसे चूल्हा से उतर कर ठंडा करना है और उसके बाद जब एक दम गर्मी लगे तो उसको पीना है.ये एक लस्सी की तरह काम करता है ये चीज सेहत और शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद है.इसको हम प्याज , नामक और सेंधा नामक के साथ भी खा सकते है. ये मड़िया पेज बहुत जगहों पर बनाया जाता है

मेरा नाम धनेश्वरी है , मैं कांकेर जिले के गाँव बगदुंगरी से हूँ , मैं मडिया का हलवा बनाने के बारे में बता रहा हूँ , पहली बात यह है कि मडिया का आटा लें और चीनी और लंबी इलायची और जो डालें । सूखे मेवे होते हैं , इसे बनाने का तरीका है कि पहले कड़ाही को गर्म करें , उसमें घी डालें और मैदे के आटे को घी में तब तक उड़ाएं जब तक कि यह पेस्ट न बन जाए । जब इसकी गंध अच्छी नहीं होती है , तो हम धीरे - धीरे इसमें पानी डालेंगे , यह अच्छी तरह से पक जाएगा , फिर इसमें चीनी मिलाई जाएगी , और चीनी के साथ , इसमें लंबा लीची मिलाया जाएगा । डालने के बाद , इसे एक कटोरे की मदद से एक पात्र में रखें और इसे तब तक रखें जब तक कि यह अच्छी तरह से ठंडा न हो जाए ।

मेरा नाम मनीषा कुंजन है , मैं गाँव ताल गाँव , जिला बालूद से हूँ , मैं पर रोटी बनाने की विधि बता रहा हूँ । इसे बनाने के लिए , मैं रात के लिए बचे हुए चावल का एक कटोरा लूंगा । मैं इसमें आधा कटोरा चावल का आटा डाल दूंगा । बस एक और चम्मच तेल डालें , इसे एक साथ गूंध लें और एक ऐसा आटा बनाएं जो गाढ़ा हो , फिर आपको छत्तीसगढ़ में मिलने वाले कुर्रू पट्टा को तवा के ऊपर रखना होगा ।

भारत गंभीर भुखमरी और कुपोषण के से जूझ रहा है इस संबंध में पिछले सालों में अलग-अलग कई रिपोर्टें आई हैं जो भारत की गंभीर स्थिति को बताती है। भारत का यह हाल तब है जब कि देश में सरकार की तरफ से ही राशन मुफ्त या फिर कम दाम पर राशन दिया जाता है। उसके बाद भी भारत गरीबी और भुखमरी के मामले में पिछड़ता ही जा रहा है। ऐसे में सरकारी नीतियों में बदलाव की सख्त जरूरत है ताकि कोई भी बच्चा भूखा न सोए। आखिर बच्चे किसी भी देश का भविष्य होते हैं।स्तों क्या आपको भी लगता है कि सरकार की नीतियों से देश के चुनिंदा लोग ही फाएदा उठा रहे हैं, क्या आपको भी लगता है कि इन नीतियों में बदलाव की जरूरत है जिससे देश के किसी भी बच्चे को भूखा न सोना पड़े। किसी के व्यक्तिगत लालच पर कहीं तो रोक लगाई जानी चाहिए जिससे किसी की भी मानवीय गरिमा का शोषण न किया जा सके।

एक सामान्य समझ है कि कानून और व्यवस्था जनता की भलाई के लिए बनाई जाती है और उम्मीद की जाती है कि जनता उनका पालन करेगी, और इनको तोड़ने वालों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इसके उलट भारतीय न्याय संहिता में किये गये हालिया बदलाव जनता के विरोध में राज्य और पुलिस को ज्यादा अधिकार देते हैं, जिससे आभाष होता है कि सरकार की नजर में हर मसले पर दोषी और पुलिस और कानून पूरी तरह से सही हैं।

दैनिक जागरण बिहार की मई 2023 की रिपोर्ट के अनुसार नरपतगंज प्रखंड से सटे सुपौल जिला के छातापुर प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय ठूठी में सोमवार को एमडीएम परोसने के क्रम में बच्चों के भोजन में मरी हुई छिपकली मिली, जिसके बाद बच्चों व गांव वालों में हड़कंप मच गया। लेकिन क्या ये हड़कंप हमारा अपने जन प्रतिनिधियों के सामने झलकता है ? जिस पन्ना ज़िले के स्कुल में 40 बच्चे बीमार हो गए , क्या वोट देते समय हम ये बात सोचते है? नहीं .. बिलकुल भी नहीं सोचते। क्योंकि हम एक वोट देने की मशीन में ढल चुके है। कुछ लोग इसे मेरी ही मूर्खता करार देंगे कि मध्यान भोजन के लिए हम नेताओ को दोष क्यों दें ? लेकिन सच ये है कि जब तक कोई घटना हमारे या हमारे अपनों के साथ नहीं घटती , तब तक हम राजनितिक पार्टियों की चाटुकारिता में लगे रहते है। लोग आपको ही बार बार समझायेंगे कि हमें इन सभी पचड़ों में नहीं पड़ना चाहिए। दोस्तों, अपने देश, समाज और बच्चों के भविष्य को बदलने के लिए किसी न किसी को शुरुआत करनी पड़ेगी और वह शुरुआत स्वयं से ही होगी, इसके बाद अन्य समाज के लोगों का साथ मिलता चला जाएगा। तब तक आप हमें बताइए कि * ------ आपके गाँव या क्षेत्र में सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन की स्थिति क्या है ? *------- आपने क्षेत्र या गाँव के सरकारी स्कूलों में बच्चों को कैसा पौष्टिक खाना मिलता है क्या ? आपके अनुसार बच्चों के लिए पौष्टिक भोजन का क्या मतलब है ? *------ साथ ही शिक्षा के मसले पर आपको किससे सवाल पूछने चाहिए ? और इसे कैसे बेहतर बनाया जा सकता है , ताकि हमारे देश का भविष्य आगे बढे।