साथियों, मनुष्य एवं समस्त प्राणी जगत को जीवित रहने के लिए भोजन एक प्रमुख संघटक होता है। और भोजन पाना हर व्यक्ति का अधिकार होता है लेकिन दुर्भाग्य से दुनिया में हर किसी के पास खाने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं है कई लोग ऐसे हैं, जो हर दिन भूखे पेट सोने को बेबस हैं । लेकिन दूसरी ओर यह भी देखने को मिलता है की लोग भोजन की बर्बादी भी करते हैं। लोगों में भोजन के महत्व को समझाने और जरूरतमंद लोगों को दो वक्त के भोजन मिल पाए इस उद्देश्य से हर वर्ष 16 अक्टूबर को विश्व खाद दिवस मनाया जाता है।

इस भीषण गर्मी से बचना है तो इन बातों का हमेशा ध्यान रखना है। नियमित रूप से पानी पीना, भोजन में पौष्टिक तत्व और ठंडी चीज़ों को शामिल करना और हल्का भोजन करना। अगर आपने इस भीषण गर्मी से बचने के लिए कोई खास तरीका अपनाया है या फिर अपने भोजन में किसी तरह की कोई खास चीजें शामिल की हैं, जिससे कि इस भीषण गर्मी में कुछ राहत मिल सके, तो अपने ये उपाय सभी के साथ जरूर बांटें।

दोस्तों मानव शरीर के निर्माण में भोजन एक महत्वपूर्ण तत्व है। प्रकृति ने कई प्रकार के खाद्य पदार्थ बनाए हैं जो महत्वपूर्ण और आवश्यक पोषक तत्वों से युक्त कोशिकाओं और शरीर के ऊतकों के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हैं, तभी तो शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के लिए पर्याप्त मात्रा में भोजन करने की आवश्यकता होती है। साथियों, दुनिया भर में दूषित भोजन खाने से लाखो लोग मौत मुंह में समां जाते हैं।यह दिवस लोगों को याद दिलाता है कि शुद्ध और सुरक्षित भोजन स्वास्थ्य के लिए जरूरी है और यह सभी लोगों का अधिकार भी है। हर साल UN फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (FAO) एक थीम निर्धारित करता है जिसके तहत विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जाता है।इस वर्ष World Food Safety Day 2024 की थीम है, ‘सुरक्षित भोजन बेहतर स्वास्थ्य’. तो साथियों आइए हम सब मिलकर विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाये और हर दिन शुद्ध और सुरक्षित भोजन का सेवन करें। धन्यवाद !!

हांगकांग के फूड सेफ्टी विभाग सेंटर फॉर फूड सेफ्टी ने एमडीएच कंपनी के मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला मिक्स्ड पाउडर और करी पाउडर मिक्स्ड मसाला में कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड पाया है और लोगों को इसका इस्तेमाल न करने को कहा है. ऐसा क्यों? जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

हम सभी रोज़ाना स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी कई अफवाहें या गलत धारणाएं सुनते है। कई बार उन गलत बातों पर यकीन कर अपना भी लेते हैं। लेकिन अब हम जानेंगे उनकी हकीकत के बारे में, वो भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में। याद रखिए, हमारा उद्देश्य किसी बीमारी का इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है। सेहत और बीमारी को लेकर अगर आपने भी कोई गलत बात या अफवाह सुनी है, तो फ़ोन में नंबर 3 दबाकर हमें ज़रूर बताएं। हम अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानेंगे उन गलत बातों की वास्तविकता, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में।

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हम सभी रोज़ाना स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी कई अफवाहें या गलत धारणाएं सुनते है। कई बार उन गलत बातों पर यकीन कर अपना भी लेते हैं। लेकिन अब हम जानेंगे उनकी हकीकत के बारे में, वो भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में। याद रखिए, हमारा उद्देश्य किसी बीमारी का इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है। सेहत और बीमारी को लेकर अगर आपने भी कोई गलत बात या अफवाह सुनी है, तो फ़ोन में नंबर 3 दबाकर हमें ज़रूर बताएं। हम अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानेंगे उन गलत बातों की वास्तविकता, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में।

छत्तीसगढ़ के जिला कोण्डागांव के हरदीपाड़ा बलिंगा से साधन साहू मोबाइल वाणी के माध्यम से मड़िया पेज बनाने के विधि के बारे में बता रही है ,मड़िया पेज बनाने के लिए एक कटोरी आटा दो कटोरी पानी में अच्छे से भीगना है और भिगाने के बाद तीन दिनों के लिए छोड़ देना है। तीन दिन अगर अच्छे से भीग जाये और उसमे खट्टापण उसमे आ जाये।उसके बाद उस चीज को दस लीटर पानी में उसे खोला दें।उसके बाद उसमे स्वाद अनुसार से आधा कटोरी दलीय ,आधा कटोरी मक्का और आधा कटोरी चावल डाल कर अच्छी तरीके से आधा घंटा तक पकाना है.ताकि आटा और चावल पूरी तरह से मिल जाये उसके बाद उसे चूल्हा से उतर कर ठंडा करना है और उसके बाद जब एक दम गर्मी लगे तो उसको पीना है.ये एक लस्सी की तरह काम करता है ये चीज सेहत और शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद है.इसको हम प्याज , नामक और सेंधा नामक के साथ भी खा सकते है. ये मड़िया पेज बहुत जगहों पर बनाया जाता है

मेरा नाम धनेश्वरी है , मैं कांकेर जिले के गाँव बगदुंगरी से हूँ , मैं मडिया का हलवा बनाने के बारे में बता रहा हूँ , पहली बात यह है कि मडिया का आटा लें और चीनी और लंबी इलायची और जो डालें । सूखे मेवे होते हैं , इसे बनाने का तरीका है कि पहले कड़ाही को गर्म करें , उसमें घी डालें और मैदे के आटे को घी में तब तक उड़ाएं जब तक कि यह पेस्ट न बन जाए । जब इसकी गंध अच्छी नहीं होती है , तो हम धीरे - धीरे इसमें पानी डालेंगे , यह अच्छी तरह से पक जाएगा , फिर इसमें चीनी मिलाई जाएगी , और चीनी के साथ , इसमें लंबा लीची मिलाया जाएगा । डालने के बाद , इसे एक कटोरे की मदद से एक पात्र में रखें और इसे तब तक रखें जब तक कि यह अच्छी तरह से ठंडा न हो जाए ।

मेरा नाम मनीषा कुंजन है , मैं गाँव ताल गाँव , जिला बालूद से हूँ , मैं पर रोटी बनाने की विधि बता रहा हूँ । इसे बनाने के लिए , मैं रात के लिए बचे हुए चावल का एक कटोरा लूंगा । मैं इसमें आधा कटोरा चावल का आटा डाल दूंगा । बस एक और चम्मच तेल डालें , इसे एक साथ गूंध लें और एक ऐसा आटा बनाएं जो गाढ़ा हो , फिर आपको छत्तीसगढ़ में मिलने वाले कुर्रू पट्टा को तवा के ऊपर रखना होगा ।