बजरंग दल कार्यकर्ता व कश्मीर के राजौरी में हुई हत्या के विरोध में मंगलवार को विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने शहर में विरोध प्रदर्शन मार्च निकाला। साथ ही इस संबंध में ज्ञापन राष्ट्रपति को भेजा गया। मौके पर अधिवक्ता अशोक श्रीवास्तव, राहुल सिंह, अंकित श्रीवास्तव, सचिन कुमार, मोहित वर्मा, धर्मेन्द्र ठाकुर, हरिश्चंद्र उपाध्याय आदि थे।
प्राथमिकता डीएम जिला टास्कफोर्स धान अधिप्राप्ति कार्य प्रगति को लेकर समाहरणालय में मंगलवार को पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गई । अध्यक्षता डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने की। डीएम ने जिला सहकारिता पदाधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि ज्यादा से ज्यादा किसानों का ऑनलाइन निबंधन सुनिश्चित करें । लक्ष्य के अनुसार धान अधिप्राप्ति के लिए उन्होंने संबंधित पदाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिया। डीएम ने कहा कि अच्छे प्रदर्शन करने वाले पैक्स को सम्मानित किया जाएगा। कहा कि खराब प्रदर्शन करने वाले पैक्स पर कार्रवाई होगी। उन्होंने सभी प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी को छोटे किसानों से धान की अधिप्राप्ति प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि धान अधिप्राप्ति के पश्चात जो पैक्स मिल के साथ सीएमआर नहीं गिरा रहे हैं उन पर प्राथमिकी की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही उनके विरूद्ध निलंबन की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए । डीसीओ ने बताया कि राइस मिलों से एकरार नामित 305 समितियों को 757 लॉट के समतुल्य गन्नी बैग उपलब्ध कराने का निर्देश दिया जा चुका है। समितियों का राइस मिल के साथ टैगिंग शीघ्र सुनिश्चित कराने के लिए उन्होंने आवश्यक दिशा निर्देश दिया। जिला सहकारिता विभाग द्वारा 2 लाख 51 हजार मीट्रिक टन धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य निर्धारित है। धान अधिप्राप्ति की अंतिम तिथि 15 फरवरी तक निर्धारित की गयी है। जिले में राइस मिल उसना 10 व पैक्स अरवा 28 ऑनलाइन निबंधित है। इसमें 8 उसना राइस मिलों व 28 पैक्स अरवा राइस मिल से 350 समितियों का टैगिंग कर दिया गया है। जिला में सहकारिता पोर्टल पर निबंधित किसानों की संख्या 31741 है। चयनित समितियों को दिए गए लक्ष्य का 40 प्रतिशत कैश क्रेडिट उपलब्ध करा दिया गया है।
पहाड़पुर थाना क्षेत्र के सिसवा गांव में एक प्रेमी को प्रेमिका के घर से पकड़ कर ग्रामीणों ने मंदिर में दोनों की शादी करा दिया।परंतु प्रेमी अपने परिवार वालों के दबाव पर विवाह के बाद अपने घर ले जाने से इनकार कर दिया। पुलिस के संज्ञान में मामला आने पर प्रेमी प्रेमिका को लेकर घर जाने पर राजी हुआ। मामला थाना क्षेत्र के पूर्वी सिसवा पंचायत के सिसवा बाजार का बताया जाता है। थानाध्यक्ष अभिनव कुमार दुबे ने बताया कि उक्त गांव के बुधन दास की लड़की का प्रेम प्रसंग पड़ोस के हरसिद्धि थाना क्षेत्र के बनछिहुली गांव निवासी शंभू दास के पुत्र लडडू कुमार से एक वर्षों से चल रहा था। रविवार की देर रात को ग्रामीणों ने प्रेमी को घर में घुसने पर पकड़ लिया व सिसवा मंदिर में दोनों की शादी करा दी।इसके बाद लड़का लड़की को अपने घर ले जाने से इनकार करने लगा। लड़की की मां आशा देवी ने थाना को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई थी।इसके बाद पुलिस प्रेमी लड़का को थाने लाई।जिसके बाद प्रेमी लड़का व उसके परिजन लड़की को घर ले जाने को तैयार हुए।
संग्रामपुर में पिछले दो दशकों से भवन के अभाव में बंद पड़े उत्तरी मधुबनी पंचायत के उप स्वास्थ्य केंद्र को मधुबनी सामुदायिक भवन में सोमवार को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच महामंडलेश्वर सह अरेराज के महंथ रविशंकर गिरि,महंथ रामटहल दास ,अरेराज एसडीएम संजीव कुमार व मुखिया रवि कुमार ने संयुक्त रूप से उदघाटन किया। इस दौरान एसडीएम ने उपस्थित लोगों को कहा कि आप जागरूक हो आपको आपका हक मिलेगा।
पूर्वी चंपारण जिले के बारह बालू घाटों में मात्र चार बालू घाट की बंदोबस्ती जिला खनन विभाग के द्वारा कर दी गयी है। पकड़ीदयाल, मधुबन के चकनिया, चकिया के बाराघाट व सुगौली के लालपरसा बालू घाट की बंदोबस्ती 92.21 लाख में की गयी है। जबकि इन चार घाट के लिए 83 लाख 83 हजार 500 रुपये न्यूनतम सुरक्षित राशि निर्धारित की गयी थी। पांच साल के लिए बालू घाटों की बंदोबस्ती की गयी है। इस साल वित्तीय वर्ष2023-24 के लिए उक्त बालू घाटों की बंदोबस्ती हुई है । इस साल की गयी बंदोबस्ती के अगले साल के बंदोबस्ती के लिए लिए कुल टेंडर राशि पर 20 प्रतिशत वृद्धि दर पर राशि जमा करानी होगी। इसी प्रकार तीसरे,चौथे व पांचवें साल में क्रमश कुल टेंडर राशि पर 20-20 प्रतिशत वृद्धि की दर से राशि जमा करानी होगी। नियम का पालन नहीं करने पर बंदोबस्ती रद्द कर दी जाएगी। 17 जनवरी से आठ बालू घाटों की बंदोबस्ती के लिए आवेदन चार इकाई की आठ बालू घाटोें की दूसरी बार ई नीलामी तिथि निर्धारित करने के बाद भी बंदोबस्ती नहीं हो पायी है। इसमें प्रथम यूनिट में गंडक नदी के तहत सिकटिया बालू घाट , दूसरी यूनिट में गंडक नदी के अंतर्गत तीन बालू घाटों में पीपरा,गोविन्दगंज व डुमरिया बालू घाट, तीसरी यूनिट में गंडक नदी के तहत सत्तर बालू घाट ,चौथे इकाई में तीयर नदी के तीन बालू घाटों में छौड़ादानो पीपरा, लखौरा मलाही घाट व बूढ़ी गंडक नदी के तहत लालबेगिया घाट शामिल है। इन आठ बालू घाटों में 75.71 हेक्टेयर रकबा की बंदोबस्ती होगी। इन बालू घाटों की ई नीलामी के लिए 17 जनवरी से आवेदन की तिथि निर्धारित की गयी है। अग्रधन व ऑक्शन प्रोसेसिंग फीस ऑनलाइन जमा कराने व निविदिा दस्तावेज डाउनलोड अपलोड करने की अंतिम तिथि 23 जनवरी को निर्धारित की गयी है। 30 जनवरी 23 को ई नीलामी के लिए बीड खोला जाएगा। प्रस्तावित न्यूनतम सुरक्षित राशि 3 करोड़ 40 लाख 69 हजार 500 रुपये निर्धारित की गयी है।
बिहार विधानसभा के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने सुगौली विधान सभा के राजद विधायक ई. शशिभूषण सिंह को भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर के सीनेट सदस्य मनोनीत किया है। जानकारी प्रखंड राजद विधायक प्रतिनिधि कृष्ण कुमार पांडे उर्फ झुन्नू पांडे ने दी । भी कहा कि विश्वविद्यालय के छात्रों को इसकी सूचना मिलते हीं छात्रों को खुशी हुई है विधायक ई . शशिभूषण सिंह को बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्य बनाए जाने पर प्रखंड राजद अध्यक्ष मूसा साहब , मुखिया नबीबुल हक , मुखिया पति शेख वहाब , समशुल जोहा अंसारी , पूर्व मुखिया नुरैन आलम , जय किशोर यादव, मनु सिंह , मोनू सिंह , अर्जुन गिरी ,आदि ने ने हर्ष व्यक्त करते हुए बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को बधाई दी है
गाँव-तेंदुआ मे लोग । लेकिन सरकार से
जितना थाना क्षेत्र के सठौरा गांव में आग से झुलस कर एक महिला की मौत सोमवार को हो गयी। मृत महिला गंगाजली देवी(62) हरेन्द्र राय की पत्नी थी। रविवार अपराह्न 3 बजे कड़ाके के ठंड के कारण महिला अलाव के पास अकेले बैठी थी। आग धीरे धीरे एक फुस के टाट में लग गयी। वहीं उसके बगल में बैठी महिला के साड़ी में भी आग लग गयी थी। महिला की साड़ी में आग लगा देख उसकी पतोहू ने शोर मचाया। आग की आवाज पर ग्रामीण दौड़ कर पहुंचे व आग बुझाया, तब तक महिला 80 प्रतिशत जल चुकी थी। परिजन उसे घोड़ासहन एक निजी चिकित्सक के पास ले गये। इलाज के क्रम में ही महिला की मौत हो गयी। महिला की मौत होते ही परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। मृतका को चार पुत्र व दो पुत्री है। सीओ श्रीराम उरांव ने कहा कि परिजनों से आवेदन मिलने पर जांच के लिए भेजा जाएगा।
सरकार द्वारा किसानों के खेतों तक पानी पहुंचने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं,लेकिन कैनाल में पानी नहीं। जिसका नजारा त्रिवेणी नहर कैनाल में देखा जा सकता है। पश्चिम चम्पारण के बाल्मीकि नगर से पूर्वी चम्पारण के नरकटिया बाजार सीसवनिया गांव के 475आर्डी तक उद्गमित है,जिसमें सैकड़ों वितरणी व उपवितरणी है। फिर 1982 के बाद 323आर्डी के तक ही पानी पहुंचा। जबकि इस कैनाल से किसानों को पानी देने के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं,लेकिन पानी के बदले कैनाल में खर,पतवार दिख रहे हैं। गम्हरिया के किसान नन्दलाल सिंह,विजय सिंह,रतनपुर के दिनानाथ पाण्डेय, मनना के भागीरथ कुशवाहा, चम्पापुर के विनय चौरसिया, मुसहरी के जगदीश ठाकुर आदि ने बताया कि त्रिवेणी नहर कहने के लिए है लेकिन चार दशक से पानी किसानों को मयस्सर नहीं हो सका। कहते हैं अभियंता त्रिवेणी नहर के कार्यपालक अभियंता कुमार ब्रजेश ने बताया कि नहर में पानी छोड़ा गया है,अब तक तीन सौ आर्डी तक पानी पहुंचा है।
पूर्वी चंपारण जिले में बगैर लाइसेंस व निलंबित लाइसेंस वाली दवा दुकानों का संचालन धड़ल्ले से हो रहा है। इसके बावजूद ड्रग विभाग व पुलिस प्रशासन उन पर कार्रवाई नहीं कर रहा। इससे विभाग को राजस्व का चूना लग रहा है। सूत्रों के अनुसार जिला में 42 सौ दवा की लाइसेंसी दुकानें हैं। होल सेल की दुकान 8 सौ है। जबकि बिना लाइसेंस वाली दुकानों को जोड़ दें तो संख्या 55 सौ पहुंच जायेगी। 50 दवा की दुकानों का लाइसेंस किया गया है निलंबित बताते हैं कि जिले में करीब 50 दवा दुकानों का लाइसेंस निलंबित किया गया है। इसकी सूचना थाना सहित वरीय अधिकारी व संबंधित ड्रग इंस्पेक्टर को को दी गयी है। इसके बावजूद ये दुकानें संचालित हो रही हैं। इसकी सूचना देने पर भी विभाग चुप है। जानकर बताते हैं कि मोतिहारी शहर को छोड़ दें तो बाकि जगह ड्रग विभाग की सक्रियता नहीं दिखती। इस कारण अन्य जगहों पर ऐसी दवा दुकानों का संचालन धड़ल्ले से हो रहा है। बताया जाता है कि ड्रग विभाग का आलम यह है कि अब लोग दवा के लाइसेंस के लिए विभाग का चक्कर नहीं लगा अपनी दुकान खोल रहे हैं। बिना लाइसेंस वाली दवा दुकानों की संख्या करीब हजार तक पहुंच गयी है। इन दवा की दुकानों में दवा किस होल सेलर से बगैर बिल की आती है इसका कोई अता पता विभाग के पास नहीं है। दवा असली ब्रांड का है या नकली है इसकी भी बगैर लाइसेंस वाली दवा दुकानों में जांच नहीं होती है।बताते हैं कि जिला में अब बगैर बिल की दवा मांगना अब एक धंधा बन गया है। जिससे सरकार को लाखों रुपये के राजस्व की चोरी हो रही है। फिर भी प्रशासन चुप है। अवैध रूप से दवा दुकान के संचालन पर दवा व्यवसायी भी ड्रग विभाग को इस पर नियंत्रण करने और जो दवा दुकान दवा पर 20 से 30 प्रतिशत का छूट लिख कर दवा बेच रहे हैं उन पर भी नियंत्रण करने की मांग की है। शहर में तो ऐसे दवा का बोर्ड हटाया गया है मगर ग्रामीण इलाके में बोर्ड भी है व दवा भी बेची जा रही है। सिविल सर्जन डॉ. अंजनी कुमार ने बताया कि जांच करना ड्रग विभाग का काम है। मगर सस्पेंड लाइसेंस वाली दवा दुकान व बिना लाइसेंस के दवा दुकान चल रहेहैं तो इसकी सूचना ड्रग कन्ट्रोल पटना को भेजा जाएगा।