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राज्य सरकार को विभिन्न संभागों से प्राप्त होने वाली आय एवं सरकार द्वारा वसूले गए सभी प्रकार के कर और शुल्क, निवेशों पर प्राप्त ब्याज और लाभांश तथा विभिन्न सेवाओं के बदले प्राप्त रकम को राजस्व कहा जाता है। लेकिन जिला केन्द्र मे स्थित विभिन्न राजस्व कार्यालयों मे व्याप्त अव्यवस्था एंव अधिकारियो और कर्मचारियो के तानाशाही रवैया और रिष्वतखोरी आखिर क्यों देखी जाती है? कार्यालयों में प्रत्येक छोटे बड़े काम के लिये पैसे की उगाही आम बात हो गई है? सरकार, अनेक अधिकारियो और कर्मचारियो के नाम से शिकायत दर्ज करते हुए उनके विरूद्ध निंदा प्रस्ताव पारित करती तो है लेकिन सिर्फ दिखाने मात्र की। आखिर क्या वजह है कि हजारो मामले बिना अधिकारीयों व कर्मचारियो के द्वारा रिष्वतखोरी की आड़ मे मनमर्जी तरीके से चलाए जा रहे है? क्यों किसान भाइयों को लगान जमा करने व दाखिल ख़ारिज कराने में रिश्वत देना पड़ता है? आखिर क्या कारण है कि ग्रामीण पक्षकारो से खुलेआम रिष्वत की मांग की जाती है? क्या कर्मचारियों को किसी बात का भय व डर नही है या फिर उन्हें किसी प्रकार से शासन प्रशासन का संरक्षण प्राप्त है ?
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जिला मधुबनी, बिहार से तेज नारायण ब्रम्हार्षि जी ने मोबाइल वाणी को बताया कि उन्होंने कुछ दिन पहले मोबाइल वाणी पर मधुबनी सदर अस्पताल परिसर में जल जमाव की समस्या को मधुबनी मोबाइल पर रिकॉर्ड कराया था और साथ ही जिले के डीएम को भी मोबाइल वाणी व्हाट्सएप पर भेजा था। इस खबर के प्रसारित होने के बाद डीएम ने अस्पताल परिसर में जमे पानी निकासी करने का निर्देश अस्पताल प्रबंधन को दिया।डीएम के आदेश के बाद अस्पताल परिसर से जल की निकासी की गई। और इस तरह मोबाइल वाणी के प्रयास से सदर अस्पताल परिसर में जल जमाव की समस्या से निजात मिली।
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मनुष्य के जीवन में स्वास्थ्य का सर्वाधिक महत्व है।स्वास्थ्य के बिना धन ,संपत्ति, मनोरंजन और अन्य सुविधाएं महत्व हीन हैं।इसीलिए सरकार भी आम जनता के स्वास्थ्य को लेकर बहुत सारी योजनाएँ चलाती रहती है।सरकार विगत 7-8 वर्षों से स्वास्थ्य सेवा में बेहतर सुधार को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही है लेकिन,ऐसा देखा जाता है कि लोगों को बेहतर स्वस्थ्य सेवा मुहैया कराने वाला स्वास्थ्य केंद्र खुद ही बीमार है।प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों के सृजित पद स्वास्थ्य विभाग द्वारा अब तक नहीं भरे जा सके हैं।लोगों को छोटी-छोटी बीमारियों के लिए भी निजी चिकित्सकों के यहां जाना पड़ता है,जहां लोगों को ज्यादा खर्च कर इलाज कराना पड़ता है।चाहे सरकार कितना भी स्वच्छता अभियान पर जोर दे रही हो, लेकिन इन सारी कोशिशों के बावजूद मुख्य स्थानों को छोड़कर अधिकतर अस्पतालों में गंदगी के अंबार लगे देखे जाते है।श्रोताओं,प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा मरीजों को उचित उपचार व साफ सफाई की व्यवस्था सही तरीके से नहीं किये जाने के पीछे आखिर क्या वजह है?आपके अनुसार सरकार द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में और क्या-क्या सुविधाएँ होनी चाहिए ,जिससे मरीजों को होने वाली परेशानियों से छुटकारा मिल सके ?क्या अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को स्वास्थ्य विभाग से मिलने वाले सुविधाएँ विफल साबित हो रहीं हैं?आपके अनुसार सरकारी अस्पतालों को और कैसे बेहतर बनाया जा सकता है?
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