ज्योति कुमारी,जमुई जिले के सिकंदरा प्रखंड से मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहती है कि प्राकृतिक से छेड़-छाड़ नहीं करना चाहिए।प्राकृति से छेड़-छाड़ करने का कारण है कि बिना मौसम बरसात होती है और भूकंप जैसी तबाही हर तरफ देखने को मिलती है,पेड़-पौधे की कमी से हरियालियाँ ख़त्म होती जा रही है और वातावरण भी प्रदूषित होता जा रहा है साथ ही पशु-पक्षियों पर भी इसका दुष्प्रभाव देखने को मिल रहा है क्योकि गौरैया और कौआ जैसे पक्षी विलुप्त होते जा रहे है।स्वक्ष वातावरण नहीं मिलने के कारण अनेकों बीमारियां भी हो रही है इसलिए प्राकृतिक से छेड़-छाड़ नहीं करना चाहिए तभी पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है।