जिला सारण से संजीत कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है की बिहार में ऐसे भी शिक्षक है जिन्हें संज्ञा और सर्वनाम में अंतर मालूम नहीं। प्राप्त जानकारी के अनुसार विद्युतपुर के प्रखंड विकास पदाधिकारी दुनिया लाल यादव ने विद्युतपुर के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 62 में जाकर निरिक्षण किया तो पाया की पंजीयन में बच्चो की संख्या अधिक दिखायी गयी है, जबकि बच्चो की उपस्थिति कम थी वही खाना भी समयानुसार नहीं बनता। वही नावानगर स्थित प्राथमिक विद्यालय का निरिक्षण करने गए तो उन्हें भारी अनियमितता देखने को मिली सभी शिक्षक उन्हें देखकर भौचक रह गए।जब शिक्षकों से पूछा की संज्ञा और सर्वनाम में क्या अंतर है तो वे चुप रहे ,इसी से बिहार के शिक्षा की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।