ज्योति कुमारी सिकंदरा जमुई से मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है की सत्संग से आत्मा पवित्र होती है। वे बताती है की मनुस्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज में सदाचारी और दुराचारी दोनों प्रकार के लोग रहते है, दोनों का प्रभाव समाज पर पड़ता है। सत्संग दो शब्दों से मिल कर बना है ,एक सत जिसका अर्थ है अच्छा , और दूसरा संग जिसका अर्थ है साथ अर्थार्त अच्छे लोगो के साथ रहना। सत्संग मानव जीवन के लिए अनिवार्य है,यह वह साधन है जिससे मानव जीवन के मैल को धो कर शुद्ध करता है। वे यह भी बताती है की सत्संग करने वाला व्यक्ति मन ,वचन ,और कर्म से एक जैसा वयवहार करता है ,उसके कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं होता है। अगर आप भी हमसे इस तरह की जानकारी साझा करना चाहते है तो हमारे निशुल्क नंबर 08800984861 पर मिस्ड कॉल दे