बदलते मौसम व तापमान में हो रहे उतार-चढ़ाव से सांस की बीमारी से लेकर खांसी की बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ रही है। निजी अस्पताल हो या सरकारी अस्पताल यहां ऐसा बीमारी से पीड़ित लोग अधिक संख्या में आ रहे हैं। सबसे बड़ी बात है कि गले की खराबी व खांसी की बीमारी ठीक होने में समय लग रहा है। मिली जानकारी के अनुसार करीब 10 दिन पहले से मौसम के उतार चढ़ाव के कारण बीमारी अचानक बढ़ने लगा है। सदर अस्पताल में दिखाने आये मरीजो में सर्दी, खांसी व सांस फूलने से बीमार लोग अधिक आ रहे हैं। इसका कारण डॉक्टर बदलते मौसम का कारण बताते हैं। बताते हैं कि सर्द गर्म का असर है। लोग धूप से आते हैं और गले का प्यास बुटाने के लिये फ्रिज का पानी या फिर रोड किनारे बिक रहे बर्फ का पानी पी ले रहे हैं। जिसके गला में इऩ्फेक्शन हो रहा है। फिर बुखार, खांसी सहित सांस फूलने की बीमारी हो रही है। जिला के वरीय चिकित्सक व आई एम ए के अध्यक्ष डॉ आशुतोष शरण बताते हैं कि इस बदलते मौसम का असर ब्लड प्रेशर सहित दमा के मरीज व मधुमेह के मरीज पर पड़ रहा है। गला की बीमारी का़फी पायी जा रही है । इसका मुख्य कारण फ्रिज का पानी या बर्फ का पानी का पीना है। उन्होंने बताया कि खांसी की बीमारी ठीक होने में काफी वक्त लग रहा है। इसका कारण एलर्जी है। क्योंकि इस मौसम में एलर्जी की बीमारी भी बढ़ गयी है। दूसरा कारण एन्टीबायोटिक दवा का रेसिस्टेन्स भी अधिकांश लोगों में हो गया है। फिजिसियन व मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ आर के पी शाही बताते हैं कि यह बदलता मौसम मधुमेह व ब्लड प्रेशर को भी प्रभावित कर रहा है। इसलिए जरूरी है कि ब्लड प्रेशर व मधुमेह रोगी समय पर दवा व समय समय पर जांच कराते रहें। वहीं, नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ मेजर एबी सिंह बताते हैं कि धूप का का असर आंख पर पड़ रहा है।आंख में लाली की बीमारी भी बढ़ गयी है।