स्कूल में अब सुरक्षित शनिवार में कोरोना संक्रमण के साथ कुत्ता, बंदर, मधुमक्खी और सांप के काटने से बचाव से जुड़ी जानकारी भी दी जायेगी। इसके लिए एससीईआरटी शिक्षकों को प्रशिक्षित कर रही है। इसके अलावा राज्यभर के डायट व्याख्याताओं को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बता दें कि सुरक्षित शनिवार की शुरुआत 2015 में एक से आठवीं तक की कक्षा में किया गया था। एक से आठवीं के छात्र और छात्राओं को हर शनिवार को आपदा के बारे में जागरूक किया जा रहा है। इसमें मौसम के अनुसार आपदा की जानकारी गतिविधि कराकर की जाती है। अभी तक सुरक्षित शनिवार में 16 तरह तक की आपदाओं के बारे में बताया जाता था, अब इनकी संख्या 18 हो गई है। एससीईआरटी और यूनिसेफ की मानें तो कुत्ता काटने की घटनाएं आए दिन बच्चों या उनके परिजन के साथ हो रही हैं। अब भी इसके इलाज को लेकर कई अंधविश्वास हैं। इसके साथ ही प्राथमिक उपचार के प्रति लोगों में जागरूकता नहीं है। इस कार्यक्रम से बच्चों और परिजनों इसके बारे में जानेंगे और अपना बचाव कर सकेंगे।