शहरी सड़कों की तर्ज पर अब ग्रामीण क्षेत्र के सड़कों के भी ट्रैफिक लोड का सर्वे होगा। इसके लिए विभागीय स्तर पर कवायद शुरू कर दी गई है। ग्रामीण कार्य विभाग ने इसके लिए अपने अधीन वैसे सड़कों को चिन्हित करने की करवाई शुरू कर दी है। इसका मकसद ट्रैफिक के दबाव के अनुसार सड़कों को चौड़ा करना है। सड़कों की चौड़ीकरण से जहां एक ओर ट्रैफिक लोड कम होने से आवागमन में आसानी होगी। वहीं सड़कों पर लगनेवाले जाम से निजात भी मिलेगी। क्या है प्रावधान पंचवर्षीय अनुरक्षण के तहत बनी सड़कों के निर्माण के चार वर्ष छह महीने हो जाएंगे तो इस नीति पर काम होगा। साढ़े चार साल के बाद ग्रामीण सड़कों का विशेष रूप से सर्वेक्षण होगा। साथ ही सड़कों पर ट्रैफिक लोड का सर्वे भी होगा। इस सर्वे में हर साल सड़कों पर बढ़ रहे ट्रैफिक दबाव को देखा जाएगा। जरूरत पड़ी तो ट्रैफिक गणना के आधार पर ही सड़कों को बेहतर करने के लिए डीपीआर बनाई जाएगी। डीपीआर एक महीने के भीतर बनाकर उसकी मंजूरी ली जाएगी।