ग्रामीण सड़कों की निगरानी ड्रोन से होगी बिहार की ग्रामीण सड़कों के सवा लाख किमी के विशाल नेटवर्क की निगरानी ड्रोन तकनीक से की जा सकती है। आईआईटी पटना ने इसको विकसित किया है। रविवार को आईआईटी पटना की टीम ने बिहार सरकार के ग्रामीण कार्य विभाग के आला अभियंताओं के समक्ष इस तकनीक का प्रदर्शन किया तथा इसकी खूबियों की जानकारी दी। खासबात यह है कि ड्रोन तकनीक से कम समय, कम संसाधन और कम लागत में ग्रामीण सड़कों की वास्तविक स्थिति का पता चल सकेगा। ग्रामीण कार्य विभाग के मुख्य अभियंता भागवत राम ने बताया कि खासतौर से बाढ़ के समय क्षतिग्रस्त ग्रामीण सड़कों का यथाहाल मुख्यालय में बने एक छोटे से कंट्रोल रूम को तत्क्षण ड्रोन बता देगा और कोष की उपलब्धता तथा यातायात के भार का आकलन कर प्राथमिकता की सड़कों की शीघ्र मरम्मत कराई जा सकेगी। ग्रामीण कार्य विभाग के अभियंता प्रमुख अशोक कुमार मिश्रा, मुख्य अभियंता भागवत राम, निर्मल कुमार एवं श्री खलिकुज्जमा तथा नोडल पदाधिकारी एम एम जी एस वाई श्री कृष्णा प्रसाद एवं अन्य अभियंताओं की मौजूदगी में आईआईटी पटना परिसर में प्रो. सुधीर वर्मा के नेतृत्व में ग्रामीण पथ एवं पुलों के बेहतर प्रबंधन में ड्रोन तकनीक की भूमिका को लेकर विस्तृत जानकारी दी गई। मुख्य अभियंता श्री राम ने बताया कि ड्रोन तकनीक से विभाग के कार्यों में पारदर्शिता एवं मितव्ययिता को बढ़ावा मिलेगा। तथा योजनाओं के चयन एवं क्रियान्वयन में समय की भी बचत होगी। उन्होंने पूछे जाने पर कहा कि आईआईटी पटना को ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल को लेकर विस्तृत डीपीआर बनाकर देने को कहा गया है, जिसपर अंतिम निर्णय शीर्ष स्तर पर लिया जाएगा। ग्रामीण कार्य विभाग ड्रोन के इस्तेमाल के पहले इसपर आने वाली लागत, मानव संसाधन का इस्तेमाल और होने वाले फायदे का भी आकलन करेगा।
