जिला के छह प्रखंडों में बढ़ रहे खसरा के प्रकोप की देखते हुए जिला स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड में है। डीएम ने इसकी समीक्षा के लिए बैठक बुलाई। बैठक में सिविल सर्जन, डीआईओ, यूनिसेफ के डब्लूएचओ, डीपीएम सहित अन्य अधिकारी ने भाग लिया। समीक्षा के दौरान डीएम ने खसरा को लेकर टीकाकरण में तेजी लाने का निर्देश दिया। वहीं नियमित टीकाकरण को शत प्रतिशत पूरा करने का निर्देश दिया। प्रभावित इलाके में नौ माह से नौ वर्ष के बच्चे को अतिरिक्त खसरा का टीका दिया जाएगा। जिन्होंने टीका का दूसरा डोज ले लिया है, उन्हें भी टीका दिया जाएगा। साथ ही विटामिन ए की खुराक भी सभी बच्चों को दी जाएगी। बीमार बच्चों पर निगरानी रखने का निर्देश जिला के कई प्रखंडों में अचानक खसरा का प्रकोप बढ़ गया है। पहले तो इसे सर्दी, खांसी व बुखार समझ कर डॉक्टरों ने इलाज किया। मगर जब यह बीमारी एक दूसरे बच्चे में तेजी से फैलने लगी तो सूचना पर डब्ल्यूएचओ ने इसकी जांच के लिए सेम्पल पटना भेजा ोज। जब रिपोर्ट आया तो स्वास्थ्य महकमा के पैर के तले से जमीन खिसकने लगा। आनन फानन में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को अलर्ट किया गया। मिजिल्स का टीकाकरण तेज कर दिया गया है। बताते हैं कि 24 हज़ार टीका से वंचित बच्चों में 66 प्रतिशत का टीकाकरण कर लिया गया है। डीआईओ के अनुसार, इस महीने तक सबका टीकाकरण कर दिया जायेगा। कहते हैं विशेषज्ञ डॉक्टर स्किन विशेषज्ञ व फिजिसियन डॉ पंकज तिवारी बताते हैं कि खसरा की बीमारी कम इम्युनिटी वाले बच्चे में हो रही है। इसलिए बच्चे को मिजिल्स का टीका लगवाना चाहिए। जिस बच्चा का आंख लाल व सर्दी बुखार हो तो तुरंत डाक्टर से सम्पर्क करना चाहिए। यह वायरस है जो सम्पर्क में आने से दूसरे बच्चे को भी संक्रमित कर सकता है । इसलिए खसरा वाले बच्चे को अलग रखना होगा। नारियल के पानी पिलाने व चकता वाले सभी स्थान पर डालने से बहुत फायदा होता है। विटामिन ए की खुराक पिलाना जरूरी है। बीमारी में एंटीबायोटिक दवा का कई खास रोल नहीं है। बीमार बच्चे को तेज बुखार होने पर पारा सिटामोल की दवा उम्र के हिसाब से डाक्टर के परामर्श से देना है। पानी खूब पिलावें। भोजन में तरल पदार्थ दें।