सरकारी स्कूलों में चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम लागू होगा। इसके लिए कक्षा एक से 12वीं तक के बच्चों को आईडी नंबर मिलेगा। उसमें बच्चों का पारिवारिक और पढ़ाई के इतिहास का ब्योरा दर्ज होगा। इससे एक क्लिक से पता किया जा सकेगा कि बच्चे ने कहां-कहां पढ़ाई की व उसके परिवार के लोग क्या करते हैं। यू-डायस (यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इन्फॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन) में सभी स्कूलों को कक्षावार प्रत्येक बच्चे की पूरी जानकारी देनी है। इसमें बच्चे का नाम, उम्र, माता-पिता का नाम, पेशा आदि शामिल होंगे। इसके बाद शिक्षा मंत्रालय द्वारा सभी स्कूलों में चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम लागू किया जाएगा। सभी बच्चों को एक आईडी नंबर मिलेगा:बच्चों को जो आईडी नंबर मिलेंगे वह उसके आईकार्ड पर दर्ज होंगे। ऐेसे में अगर कोई बच्चा एक स्कूल छोड़ कर दूसरे में नामांकन लेता है तो उसकी पूरी जानकारी प्राप्त करना आसान होगा। इसके अलावा अगर कोई बच्चा स्कूल से ड्रॉपआउट हो जाता है तो भी इसकी जानकारी मिल जाएगी। स्कूल छोड़ने के बाद अगर बच्चे ने किसी अन्य स्कूल में नामांकन नहीं लिया है, तो इसकी भी जानकारी प्राप्त हो जायेगी। अब सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा निजी और सरकारी स्कूल प्रशासन से यू-डायस में बच्चे की पूरी जानकारी भरवाई जाएगी। ज्ञात हो कि अभी तक यू-डायस पर स्कूल की मूलभूत सुविधाओं, शिक्षकों की जानकारी के साथ बच्चों की संख्या दर्ज होती थी। लेकिन अब हर बच्चे का पूरा परिचय भी दर्ज होगा। सभी स्कूलों को 15 फरवरी तक यू-डायस पर ब्योरा देना है।