अंगीभूत कॉलेजों में शिक्षकों की कमी व छात्रों की कक्षाओं से पलायन ने शैक्षणिक माहौल को काफी प्रभावित किया है। शिक्षकों की कमी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिले के नौ अंगीभूत कॉलेजों में 398 स्वीकृत पद के विरुद्ध मात्र 91 नियमित शिक्षक हैं। कई कॉलेजों में महत्वपूर्ण विषयों में एक भी शिक्षक नहीं हैं। जिन विषयों में शिक्षक हैं, उनमें कक्षाएं तो हो रही हैं। लेकिन छात्रों की उपस्थिति पूरी नहीं रहती। ऐसे में कुछ गिने-चुने कॉलेज ही हैं जहां से टॉपर निकल रहे हैं। ऐसे में कॉलेजों में नाम लिखा कर डिग्री लेना ही उद्देश्य बनता जा रहा है। वहीं कॉलेजों में वोकेशनल कोर्स भी संचालित हो रहे हैं। इनके माध्यम से कई छात्रों को जॉब भी मिले। लेकिन ऐसे छात्रों की संख्या भी कम है। प्लेसमेंट सेल पूरी तरह सक्रिय नहीं नैक से मूल्यांकन में छात्रों का प्लेसमेंट भी प्रमुख मुद्दा है। इसके लिए बकायदा कॉलेजों में प्लेसमेंट सेल का गठन किया गया। लेकिन यह पूरी तरह फंक्शनल नहीं हो पाया। कोरोनाकाल में इसकी गतिविधि तो पूरी तरह से ठप रही। कुछ कॉलेजों में तो विगत सालों में इसको लेकर कुछ पहल भी हुई। शहर के प्रीमियर कॉलेज में शुमार एमएस कॉलेज में कोरोनाकाल के पहले कैंपस सेलेक्शन हुए थे। यहां के वरीय शिक्षक डॉ. इकबाल हुसैन के अनुसार, हाल के वर्षों में यहां के कई छात्र बैंक, रेलवे, अग्निवीर सहित विभिन्न पदों को सुशोभित किया है। इधर, एलएनडी कॉलेज के प्राचार्य प्रो. अरुण कुमार ने बताया कि उनके यहां प्लेसमेंट सेल में तीन सदस्यीय टीम बनी हुई है। इनमें, डॉ. सुबोध कुमार, प्रो. दूर्गेश मणि तिवारी व प्रो. पिनाकी लाहा शामिल हैं। उनके अनुसार, पिछले साल 6-7 अप्रैल को दिल्ली की कंपनी की ओर से प्लेसमेंट को लेकर वर्कशॉप का आयोजन किया गया। जिसमें ट्रेनिंग के लिए सेलेक्शन भी हुआ। इधर, एसएनएस कॉलेज के मीडिया प्रभारी प्रो. नीतेश कुमार के अनुसार उनके यहां वर्ष 2021 में स्वामान माइक्रो फाइनेंस कंपनी में 16 बच्चों का सेलेक्शन हुआ। वहीं, यहां के फिश एण्ड फिशरिज विभाग के छात्र रहे अभिषेक कुमार, अनुष्का जोशी, सत्यम कुमार, सोनू कुमार बैठा, अमृता कुमारी, धनंनजीत तिवारी व कमोद प्रियदर्शिनी का चयन बिहार सरकार के फिशरिज डेवलमेंट ऑफिसर के रूप में हुआ है।