बिहार राज्य के जिला जमुई के गिद्धौर प्रखंड से रुदल पंडित मोबाइल वाणी के माध्यम से हिर्दयानन्द कुमार पंडित से बातचीत कर रहे हैं जिसमें हिर्दयानन्द पंडित जी का कहना है कि ये अमृतसर काम करने जाते हैं तो वहां उनके साथ वहाँ के स्थानीय मजदुर भी काम करते हैं। उन्हें वहाँ बिचौलिये के सहारे काम मिलता है, वहाँ के स्थानीयलोग उस फैक्ट्री में ज्यादा काम नहीं करना पसंद करते, क्यूंकि ज्यादा काम में कम पैसे से काम कराया जाता है। परन्तु प्रवासी लोग उतनी ही मजदूरी में काम कर लेते हैं, क्यूंकि उनके पास वो काम करने के सिवा और कोई रास्ता नहीं होता। उनकी मज़बूरी होती है काम करना। इसलिए उन्हें वो काम करना पड़ता है। वहां उनके साथ कभी किसी तरह की मुठभेड़ हो जाती है तो आस-पास के लोग थोड़ी बहुत मदद कर देते हैं। रुदल पंडित ने यह भी जानकारी दी कि वहाँ प्रवासी लोगों के साथ किसी भी तरह की कोई लड़ाई नहीं होनी चाहिए इसके लिए सरकार से मदद की आवश्यकता है।