बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से रंजन कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से श्रम के सम्मान के विषय में बनाडीह गांव के रंजीत कुमार जी से बातचीत कर रहे है,जिसमे रंजीत जी का कहना है कि वे बंगलौर में काम करने जाते हैं और वहां बाहरी लोगों के साथ साथ स्थानीय मजदूर भी काम करने जाते हैं। वे लोग अपने काम के लिए ठेकेदार से बात करते है । उन्हें वहां के वातावरण के साथ-साथ ऐसी बहुत सी परेशानिया उठानी पड़ती है। जैसे : भाषा समझना, वहां के पर्यावरण में खुद को ढालना इत्यादि। अन्य राज्य के ठेकेदार स्थानीय लोगों को काम पर रखने से ज्यादा बिहार के लोगों को रखना पसंद करती है क्योंकि मजदूरी कम मिलती और काम ज्यादा। इसके अलावा अगर उन्हें कोई परेशानी या किसी से कोई बहस छिड़ जाए तो स्थानीय प्रशासन से भी उन्हें किसी भी तरह की कोई सहायता नहीं दी जाती।इस तरह की बहुत सी परेशानी बाहर काम करने गए लोगों को सहना पड़ता है।