बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से रंजन जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बनाडीह गांव के महेश कुमार यादव से प्रवासी मजदूरों के बारे में बातचीत कर रहे है। जिसमे महेश जी का कहना है कि गुजरात में उनके रहने की कोई सुविधा नहीं होती है और वो जिस कंपनी में काम करते हैं, वहाँ बारह घंटे काम करने के बाद भी पैसे समय पर नहीं देते हैं ।और एक महीने के पैसे काट लिए आते हैं। उन्होंने यह भी बताया की उनके साथ वहां बहुत भेद भाव किया जाता है। भाषा अलग होते हैं। रहन-सहन में भी असमानता होती है। उन्होंने यह भी कहा की सरकार द्वारा जो भी कल्याणकारी योजनाएं चल रहीं हैं,इन सब का लाभ उन्हें नहीं मिल पता।उनके परेशानी के बारे में उन्होंने कहा कि बिहार के वासी होने के कारण डर-डर कर रहना पड़ता है क्यूंकि वहाँ उनका कोई अपना नहीं होता। यहां तक की सरकार भी उनका साथ नहीं देती। उनके बोल बाले नहीं चलते।उन्हें वहाँ मजदूरी कर रहना पड़ता है। बहुत से ऐसे काम जैसे,पेंट करना,लेबर की तरह मसाला मिलाना,सुई धागा का काम करना। उन्होंने अपने सपने से सम्बंधित जानकारी देते हुए कहा कि उनका सपना था वो काम करेंगे,वापस घर जाकर बच्चों को अच्छी शिक्षा देंगे,पर उनका सपना पूरा नहीं हो पाया।इसके सरकार को वो दोषी ठहराते है क्यूंकि जब बिहार में बाहर के लोग काम करने आते हैं तो उन्हें पूरा मान सम्मान दिया जाता है वैसे ही हमे भी दूसरे जगह मान सम्मान दिया जाए।