बिहार राज्य के जमुई जिला सिकंदरा प्रखंड से ज्योति कुमारी मोबाइल वाणी के द्वारा कहती हैं कि झोला छाप डॉक्टर अपनी झूठी डिग्रियों के बदौलत गरीबों की ज़िन्दगी से खिलवाड़ करते हैं।इन डॉक्टरों के झाँसे में गरीब और अनपढ़ लोग आसानी से आ जाते हैं।ये झोला छाप डॉक्टर अधिकत्तर ग्रामीण इलाकों में अपना क्लिनिक खोलते हैं, और बोर्ड पर कई तरह की डिग्रियों को अंकित करवा लेते हैं।बिहार राज्य में औसतन चार लाख फर्जी डॉक्टर हैं, जो बिना जानकारी के गरीबों का चीर-फाड़ कर उनकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ करते हैं।आये दिन कहीं ना कहीं झोला छाप डॉक्टर का भंडा-फोड़ होता रहता है।इनके खिलाफ कारवाई भी की जाती है, पर कुछ समय बाद ये डॉक्टर फिर से सक्रीय हो जाते हैं।कुछ दिन बाद फिर से प्रशासन सो जाते हैं, और झोला छाप डॉक्टर का व्यवसाय तेजी से चलने लगता है।सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए।इस सम्बन्ध में बने कानून का पालन सख्ती करवाना चाहिए।जिससे गरीबों की ज़िन्दगी से खिलवाड़ होने से बचाया जा सके