बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से भीम राज मोबाइल वाणी के द्वारा कहते हैं की स्कूलों में नया शैक्षणिक सत्र शुरू होते ही निजी स्कूलों की मनमानी की खबरें सुनने को मिलने लगी है।इन स्कूलों की मनमानी के लिए हम सब भी जिम्मेदार हैं।क्यूँकि हम सब मानने को तैयार ही नहीं है की सरकारी स्कूलों में भी अच्छी पढ़ाई हो सकती हैं।जबकि इन स्कूलों के शिक्षक भी अच्छी योग्यता रखने वाले होते हैं।फिर भी हम अपने बच्चों का दाखिला निजी स्कूलों में ही करवाते हैं।सरकारी स्कूलों में तो पढ़ाई के साथ-साथ अन्य सुविधाएँ भी उपलब्ध कराई जाती है।इसके बावजूद अब भी सरकारी स्कूलों में बच्चों को घर-घर जा कर बुलाने की ही हालात बनी हुई है।इसमें दोष हमारी मानसिकता का है।हम खुद अपने बच्चों को निजी स्कूलों में भेजते हैं।शिक्षा विभाग को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है।अगर सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ेगी तो निजी स्कूलों की मनमानी पर खुद ही लगाम लग जायेगी