मधुबनी से शिवम् पांडेय ने मोबाईल वाणी को बताया कि डाक्टरों के सलाह से मलेरिया के ऊपर कुछ जानकारी तैयार किया है जो इस प्रकार है। मलेरिया बुखार और कपकपी के साथ होता है। इसका मुख्य कारण है मादा एनोफिल मच्छर। मलेरिया रोग के लक्ष्ण संक्रमित मच्छर के काटने से 10-12 दिन के बाद नज़र में आता है। प्रतिवर्ष मलेरिया से होने वाले मृत्यु दर सैकड़ों तक पहुँचती है , इससे बचने के लिए कई सामान्य उपाय है लेकिन जानकारी के अभाव में लोग इस रोग से ग्रसित हो जाते है।मलेरिया के प्रभावी इलाज के लिए प्रयासरथ दवाएं उपलभ्ध है लेकिन समय पर मलेरिया का उपाय ना किया जाये तो इसके कारण खतरनाक स्थिति उत्पन्न हो सकती है।यदि किसी व्यक्ति को कई दिनों से तेज बुखार आ रहा हो तो तुरंत खून जाँच अवश्य कराएं। मलेरिया से बचने का उपाय है मच्छरों से बचना घरों के आस पास पानी जमा नहीं होने देना चाहिए