बिहार राज्य के नालंदा जिला से संतोष कुमार मण्डल ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि मलेरिया एक परजीवी रोगाणु होते है। और यह मादा एनोफेलीज मच्छर के काटने से होता है। किसी व्यक्ति को इस मच्छर के काटने पर, इसके परजीवी रक्त में घुल कर व्यक्ति को बीमार बना देता है।मलेरिया के जीवाणु इंसान के लाल रक्त पर हमला कर अपने जीवाणुओं की संख्या में बढ़ोत्तरी करते रहते है।और बढ़ोत्तरी में मलेरिया बीमारी किसी भी इंसान को पकड़ लेता है। इससे बचने के लिए हमें सोते वक़्त मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करना चाहिए।घर के अंदर खिड़कियों पर जाली लगना चाहिए और घर के कीड़े मरने वाली दवा का प्रयोग ध्यान से करना चाहिए। गंन्दगी वाले जगहों और ठहरे हुए पानी वाले स्थानों पर जाने से बचना चाहिए।