बिहार राज्य के नालंदा जिला से संतोष कुमार मण्डल ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि किसी भी व्यक्ति को बुखार आने की कई वजहें हो सकती है। इसकी जानकारी हमें खून की जांच से मिल सकती है।इसीलिए बुखार आने पर सबसे पहले अपने खून की जांच करानी चाहिए। अगर किसी को भी मलेरिया बुखार के लक्षण दिखाई देते है, तो मच्छरों से बचने का उपाय शुरू कर देना चाहिए। मलेरिया मादा एनोफेलीज मच्छर के काटने से होता है।इसलिए जहाँ तक हो सकें इसे पैदा ना होने दें। इससे बचने के लिए घर के अंदर तथा आस-पड़ोस में पानी का जमाव कई दिनों तक ना होने दें।जमें हुए पानी पर कीटनाशक का छिड़काव ज़रूर करें।बने हुए भोजन को हमेशा ढँक कर रखना चाहिए। मच्छरों को भगाने के लिए समय-समय पर कीटनाशक का छिड़काव करते रहना चाहिए। गर्मियों के मौसम में कूलर के पानी को हमेशा साफ़ करना चाहिए। और बारिश और सर्दियों के मौसम में कूलर के अंदर पानी को जमने ना दे। इससे बचने के लिए हमें सोते वक़्त मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करना चाहिए।मच्छरों को भगाने वाली क्रीम का भी प्रयोग उचित हो सकता है।और अपने आस-पास के लोगो को मलेरिया के बारे में सूचित करें। अगर किसी भी व्यक्ति को यह बीमारी हुई हो, तो तुरंत से अस्पताल जाकर इसका इलाज़ कराना चाहिए।और साथ ही नगर पालिका को सूचित कर अपने इलाके में कीटनाशक का छिड़काव कराये