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जमुई जिले भर में लोक आस्था और सू्र्य उपासना के पर्व चैती छठ के तीसरे दिन आज रविवार को पहला अर्घ्य दिया गया. शाम के समय डूबते भगवान सूरज को जिले के सभी नदियों तालाबों आदि के किनारे जल चढ़ाया गया। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

बिहार में लोक आस्था के चार दिवसीय त्योहार चैती छठ के दूसरे दिन खरना करने की परंपरा है।आज शाम पवित्रता के साथ भगवान भास्कर की पूजा की जाएगी। भगवान भास्कर को गुड़ मिश्रित खीर और घी की रोटी चढ़ाई जाएगी। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

नवरात्रि के पांचवें दिन माँ की पूजा विधि विधान के साथ संपन्न हुई। मान्यता है देवी के नौ रूपों की पूजा से भक्तों की मनोकामनायें जरूर पूरी होती हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

चार दिनों तक चलने वाले सूर्योपासना का महापर्व चैती छठ शुक्रवार को नहाय खाय के साथ शुरू हो गया। पहले दिन छठ व्रत करने वाले महिला पुरुषों ने अंत:करण की शुद्घि के लिए नदियों, तालाबों और विभिन्न जलाशयों में स्नान करने के बाद अरवा चावल, चने की दाल और लौकी, कद्दू की सब्जी प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

कल 13 अप्रैल को पूरे देश में बैशाखी का त्योहार मनाया जाएगा। इस त्योहार के साथ कई मान्यताएं और परंपराएं भी जुड़ी हुई हैं।हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र के महीने के बाद बैशाख का महीना आता है। जबकि बैशाख महीने के पहले दिन को बैशाखी कहा जाता है। बैशाखी के दिन लोग अनाज की पूजा करते हैं।

ईद का त्योहार खुशी-खुशी मनाया गया, सभी ने एक-दूसरे को गले लगाया और ईद-उल-फितर की बधाई दी। मुस्लिम भाई निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सुबह 7 बजे ईदगाह मैदान पहुंचे

चैती छठ महापर्व आज शुक्रवार को नहाए खाए के साथ शुरू हो गया, चैती छठ पर्व, प्रकृति पूजा और लोक आस्था के महान त्योहार, चैती महापर्व की शुरुआत हो रही है। पूरे भारत में मनाया जाने वाला छठ आज चैत्र के महीने में शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। यह चार दिनों तक चलने वाला त्योहार है जिसमें पहले दिन की शुरुआत नहाय खाय से होती है। इस प्रकार, आस्था का महान त्योहार छठ वर्ष में दो बार मनाया जाता है। विस्तार पूर्वक खबर सुनने के लिए ऑडियो क्लिक करें

गिद्धौर प्रखंड भर में ईद का पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया, गिधौर की जामा मस्जिद में ईद के अवसर पर अपने समाज, राज्य और देशवासियों के लिए शांति और समृद्धि के लिए अल्लाह से प्रार्थना की। जहां एक-दूसरे को गले लगाकर ईद की बधाई दी गई, विस्तार पूर्वक खबर सुनने के लिए ऑडियो क्लिक करें

जिंदगी के हर पल खुशियों से कम न हो, आप के हर दिन ईद के दिन से कम न हो, ऐसा ईद का दिन आपको हमेशा नसीब हो, जी हां दोस्तों ईद-उल-फितर जिसे आप लोग मीठी ईद के नाम से भी जानते है।आज दुनिया भर में ईद का जश्न मनाया जा रहा है और लोग एक दूसरे के गले लग कर बधाइयाँ दे रहे है और खुशियाँ बाँट रहे है। रमजान के महीने से ही ईद के जश्न की तैयारी शुरू हो जाती है । बच्चों से लेकर बड़ों बूढों तक को ईद का इंतज़ार रहता है। ईद के मौके पर ईदी दिए जाने का रिवाज है। लोग अपने करीबियों को ईद की मुबारकबाद के साथ ईदी के रूप में तोहफे देते हैं ।नए कपड़े पहनते हैं, भव्य दावतें तैयार करते हैं।ईद मुस्लिम समुदाय के खास त्योहारों में से एक है और यह रमजान के आखिरी दिन सेलिब्रेट किया जाता है। ईद हमें एकता और आपसी सौहार्द का संदेश देता है और समृद्ध समाज बनाने के लिए प्रेरित करता है।लोग इसे उत्साह और बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं।तो आइये हम भी इस जश्न का हिस्सा बने और समाज में शांति-सद्भाव और अमन का सन्देश फैलाये। दोस्तों,मोबाइल वाणी परिवार की ओर से आप सभी श्रोताओं को ईद की ढेर सारी बधाईयाँ।