उत्तरप्रदेश राज्य के गाज़ीपुर ज़िला से नागेंद्र श्रमिक वाणी के माध्यम से बताते है कि उन्होंने रामपुर ग्रामसभा में कुछ वृद्धजनों से कोरोना टीकाकरण के सम्बन्ध में बातचीत की। वृद्धजनों ने बताया कि उन्होंने कोरोना का टीका नहीं लगवाया है।वे बताते हैं कि उन्होंने सुना है कि जो कोरोना का टीका लगवाते हैं वे कोरोना से दो साल के बाद मर जाते हैं साथ है लोगों में जनसंख्या बढ़ाने में दिक्क्त होती है।

उत्तरप्रदेश राज्य के गाज़ीपुर ज़िला से नागेंद्र श्रमिक वाणी के माध्यम से बताते है कि उन्होंने अंगूरपुर ग्रामसभा में कुछ महिलाओं से कोरोना टीकाकरण के सम्बन्ध में बातचीत की। महिलाओं ने बताया कि वे मास्क नहीं लगाती हैं लेकिन उन्होंने कोरोना का टीका हाल -फिलहाल में ही लगवा लिया है। आशा कार्यकर्ताओं द्वारा समझाने पर ग्राम सेवक के साथ सभी लोगों ने कोरोना का टीका लगवाना शुरू किया। मास्क ना लगाने के पीछे बताती हैं कि गाँव कोरोना का खतरा नहीं है और यह बीमारी शहरों में ज्यादा है इसलिए वे मास्क नहीं लगाती हैं।

उत्तरप्रदेश राज्य के गाज़ीपुर ज़िला से नागेंद्र श्रमिक वाणी के माध्यम से बताते है कि उन्होंने सुरुहीपुर ग्रामसभा में कुछ युवाओं से कोरोना टीकाकरण के सम्बन्ध में बातचीत की। युवाओं ने बताया कि कोरोना का टीका लगवाने के बाद उन्हें अब कोरोना का खतरा नहीं है। इसलिए अब वे मास्क नहीं लगाते हैं। वे बताते हैं कि वे दौड़ की तैयारी कर रहे हैं और दौड़ के समय मास्क लगाने में उन्हें परेशानी होती है।

उत्तर प्रदेश राज्य के ग़ाज़ीपुर से नगेंदर श्रमिक वाणी के माध्यम से जानकारी दे रहें हैं कि महिलाओं ने मास्क लगाना छोड़ दिया है, ये लोग वैसे ही अपना जीवन जी रहें हैं जो की कोरोना काल के पहले था। पूछे जाने पर वे बताते हैं कि उन्हें इतनी गर्मी में काम के दौरान मास्क लगाने में परेशानी होती है इसलिए महिलाएं मास्क नहीं लगाना चाहतीं हैं साथ में यह भी कहतीं हैं कि ये बीमारी केवल शहरों में ही होती है ,यहाँ नहीं और मास्क लगाने पर जो सांस बाहर छोड़ते हैं उसी सांस को अंदर लेना पड़ता है तो ऐसे में गन्दा सांस अंदर क्यों लें ?

उत्तर प्रदेश राज्य के ग़ाज़ीपुर से नगेंदर श्रमिक वाणी के माध्यम से जानकारी दे रहें हैं कि लोगों ने मास्क लगाना छोड़ दिया है, ये लोग वैसे ही अपना जीवन जी रहें हैं जो की कोरोना काल के पहले था। पूछे जाने पर वे बताते हैं कि ये बीमारी केवल शहरों में ही होती है ,यहाँ नहीं और मास्क लगाने पर जो सांस बाहर छोड़ते हैं उसी सांस को अंदर लेना पड़ता है तो ऐसे में गन्दा सांस अंदर क्यों लें ?

उत्तर प्रदेश राज्य के जिला गाज़ीपुर से नागेंद्र मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि सियाबाड़ी में महिलाएँ मास्क का इस्तेमाल नहीं करती है। महिलाओ ने कहा कि वह अधिकतर समय घर में ही रहती है तो मास्क और सेनेटाइजर का उपयोग नहीं करती है। सुबह शाम साबुन से हाथ धोती है

उत्तर प्रदेश राज्य के जिला गाजीपुर से नागेन्द्र मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि लोग अब मास्क और सेनेटाइजर का उपयोग नहीं कर रहे है। लोगों का कहना है कि खाँसी जुकाम तो पहले भी होता था सरकार इसे मुद्दा बना रही है। उनके क्षेत्र में कोरोना नहीं है और उन्हें कोरोना का कोई डर भी नहीं है

उत्तर प्रदेश राज्य के जिला गाज़ीपुर से नागेन्द्र मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि ग्राम सभा में उन्होंने देखा की किसिस ने भी मास्क नहीं पहना हुआ था। उनसे पूछने पर उन्होंने बताया कि वह लोग मास्क का उपयोग कोरोना काल में भी नहीं करते थे।मास्क पहनने से उन्हें सांस लेने में परेशानी होती है और सिर्फ पानी से हाथ धोते है कभी कभी ही साबुन से हाथ धोते है।

उत्तर प्रदेश राज्य के जिला गाज़ीपुर से नागेन्द्र ने कोरोना के विषय पर अखिल से साक्षात्कार लिया। अखिल ने बताया वह मास्क पहनते है क्यों कि मास्क पहनकर कोरोना से बच सकते है। अन्य कई लोग मास्क नहीं पहनते है और उनका मास्क पहनने के लिए मजाक बनाते है

उत्तर प्रदेश राज्य के जिला गाज़ीपुर से नागेन्द्र मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि मुहम्मदपुर गाँव के लोग मास्क नहीं लगाते है। लोगों से पूछने पर उन्होंने बताया कि वह लोग कोरोना की वैक्सीन लगवा चुके है। वह काम करते है तो मास्क पहनने पर उन्हें साँस लेने में परेशानी होती है इसलिए वह मास्क नहीं पहनते है