दिल्ली आईएमटी मानेसर से राम करण ने श्रमिक वाणी के माध्यम से प्रसिद्ध कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारी से बात की। उनसे बात करने पर उन्होंने बताया कि वे निर्माण कार्य करते हैं।कभी कभी काम की तलाश में दो दिन लग जाते हैं।बेरोजगार बैठने पर पैसे की कोई आस नहीं रहती।