दिल्ली एनसीआर श्रमिक वाणी का माध्यम से मोहम्मद शाहनवाज की बातचीत अनवर भाई से हुई अनवर बताते हैं मैं फ्रूट की ठेली लगता हूं मंडी में माल बहुत महंगा है मगर यहां पर सस्ता मांग रहे हैं एक तीन दिन में बिकता है एक हफ्ते में 2 से 4 दिन ही काम होता है बाकी दिन खाली रहना पड़ता है किसी दिन माल मिलता है किसी दिन महंगा मिलता है किसी दिन नहीं मिलता है