दिल्ली एनसीआर कापसेड़ा से नन्द किशोर प्रशाद साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बबलू कुमार से पानी के विषय में चर्चा कर रहे हैं। बबलू कुमार बताते हैं कि वे कंपनियों में कार्य करते हैं। वे बताते हैं कि वे जहाँ रहते हैं,वहां पानी का प्रयोग कर सकते हैं लेकिन पी नहीं सकते। पीने का पानी वे खरीद कर और बाकी कामों के लिए खारा पानी इस्तेमाल करते हैं। खारे पानी का भी उन्हें पैसा देना पड़ता है। खारे पानी को ही टंकी में भरा जाता है जो छह महीने में एक बार ही साफ़ किया जाता है। महीने में पानी पर 700 -800 रूपए खर्च हो जाते हैं। लोगों को मज़बूरी में खारे पानी को इस्तेमाल करना पड़ता है। स्वास्थ्य कर्मी भी पानी को इस्तेमाल करने के तरीको या उपाय के बारे में जानकारी नहीं देते इस पानी को गर्भवती महिलाएं ,बच्चे ,वृद्ध यदि इस्तेमाल करेंगे तो उनके स्वास्थ्य पर इसका बुरा प्रभाव भी पड़ेगा।