दिल्ली एनसीआर के कापसहेड़ा से नन्द किशोर की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से परवेज़ से हुई। परवेज़ कहते है कि बोरिंग का पानी का इस्तेमाल करते है। मालिक टंकी की सफ़ाई ज़ल्दी नहीं करवाते है। पानी जल्दी गंदा हो जाता है। पीने के लिए बोरिंग पानी का इस्तेमाल नहीं कर सकते है। बाहर से ख़रीद कर पानी पीना पड़ता है। 30 रूपए प्रति बोतल मिलता है पानी। बजट से ज़्यादा पानी का ख़र्चा हो जाता है। कुल मिलकर 800 से 900 रूपए खर्च हो जाता है। लेकिन पानी स्वच्छ नहीं मिल पाता है। ऐसी गंदी पानी का सेवन करने से कई प्रकार की बीमारियाँ हो सकती है। गर्भवती महिलाओं के लिए गन्दा पानी सबसे ज़्यादा घातक है। आशा वर्कर से भी पानी व स्वास्थ्य की जानकारी नहीं दी जाती है। सरकार के तरफ से भी पानी की गुणवत्ता की जाँच के लिए कोई कर्मचारी नहीं आते है