दिल्ली एनसीआर के कापसहेड़ा से नन्द किशोर की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से श्रमिक निज़ाम से हुई। निज़ाम कहते है कि वो किराए के मकान में रहते है। मकान में बोरिंग तो लगा हुआ है लेकिन उसको पीने से बीमारी होती है ,बहुत दिक्कते आती है। पानी का बिल भी लगता है लेकिन पानी अच्छा नहीं मिलता है। खारा जल है जिससे खाना पकाना नहीं हो पाता है। कपड़ा धुलाई भी अच्छे से नहीं हो पाती है ,कभी कभी बाहर से जल लाना पड़ता है। पीने के लिए पानी का बोतल ख़रीदना पड़ता है। महीने में पानी पर 1400 से 1500 रूपए खर्च हो जाता है। आने वाले समय में 2500 रूपए तक खर्च बैठ सकता है। वर्षा कम हो रही है तथा जल संचयन नहीं हो पा रहा है जिस कारण यह समस्या उत्पन्न हो रही है।