दिल्ली एनसीआर के कापसहेड़ा से नंदकिशोर की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से रंजीत कुमार से हुई। रंजीत कहते है कि वो किराये के मकान में रहते है। वहाँ पानी की समस्या बहुत है। पानी दूषित भी रहता है जिसको पिने व खाना पकाने के लिए प्रयोग में नहीं लाया जा सकता है।पीने और खाना बनाने के लिए अलग से पानी लाना पड़ता है। सप्लाई पानी से नहाने का काम किया जाता है। महीने में पानी के लिए कुल खर्च 1000 रूपए से 1200 रूपए तक हो जाता है। जल स्तर कम है इसलिए पानी की समस्या है। जिस क्षेत्र में रंजीत रहते है वहाँ पहले चापाकल था लेकिन वो ख़राब हो गया। जिसे बनवाने का भी प्रयास किया गया लेकिन सारे प्रयास विफल हो गए। दिहाड़ी श्रमिकों के लिए पानी ,बिजली बिल का खर्च उठाना बहुत समस्या खड़ा कर देगा।आने वाले समय में पानी को लेकर और भी समस्या आएगी जिसके लिए अभी से पानी को बचाना चाहिए ,पानी का दुरूपयोग नहीं करना चाहिए। जल संचयन कर पानी को बचाया जा सकता है।