दिल्ली एनसीआर के नोएडा से कांता प्रसाद ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि साझा मंच की कार्यकर्त्ता श्वेता मज़दूरों की बातें बहुत अच्छे से करती है। वो भी मज़दूर थे ,पांच साल तक उन्होंने एक कंपनी में काम किया था। ठेकेदार ने चार साल तक ईएसआई कार्ड नहीं दिए थे जोइनिंग होते ही उनका ईएसआई का पैसा कटने लगा था। एचआर सबसे ज़्यादा भ्रस्टाचारी रहते है ,उनसे बात करने पर भी उन्होंने इनका ईएसआई कार्ड नहीं बनाए। जब उन्होंने संघर्ष किया तब जा कर चार साल बाद उनका ईएसआई बना।