मोबाइल के साझा मंच पर झारखंड के गिरिडीह से सर्वेश तिवारी बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण के दौर बढ़ते ही नेता और समाजसेवी गायब हो गए हैं। इन दिनों लोगों को पौष्टिक आहार की बात तो छोड़िए, भरपेट भोजन मिलना भी मुश्किल हो गया है। तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के मद्देनजर राज्य सरकार के निर्णय अनुसार स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के रूप में लॉकडाउन लगाया गया है। जिससे पूरे राज्य में घोषित आंशिक लॉकडाउन है। लेकिन गरीब एवं मध्यम वर्गीय लोगों की दिक्कतें बढ़नी शुरू हो गई है। कहीं रोजगार ठप हो गए हैं, तो कहीं दुकान मकान के किराए की लोगों में चिंताएं बढ़ने लगी है। कोविड-19 के रोकथाम हेतु जारी गाइडलाइन के मुताबिक जरूरी जीवन उपयोगी वस्तु जीवन रक्षक खाद्य पदार्थों एवं दवा की दुकानों, ढाबों, सब्जियों आदि दुकानों को छोड़कर अन्य सभी तरह की गतिविधियां बंद कर दिए जाने से लोगों की दिनचर्या पूर्णत ठप होकर रह गई है।