तमिलनाडु राज्य के तिरुपुर ज़िला से मीना कुमारी ,साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि जो भी प्रवासी श्रमिक है जो अपने बच्चों को भी अपने साथ लाए है वो अब अपने बच्चों के लिए ट्यूशन की तलाश में है। वहीं ट्यूशन मास्टर का कहना है कि बच्चों को पढ़ाने से ज़्यादा कमाई उनकी कंपनी में हो जाती है। इस कारण कोई भी बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना नहीं चाहते है। ऑडियो पर क्लिक कर सुनें पूरी ख़बर...