झारखंड राज्य गिरिडा से सर्वेश तिवारी साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि राज्य के 90% बच्चों को पोषक आहार नहीं मिल पाती है। साथ ही राज्य में कुल आबादी 3 करोड़ 30 लाख में से एक करोड़ 30 लाख लोग अभी भी गरीब है। खनिज संपदा से भरपूर झारखंड में गरीबी और कुपोषण की समस्या पीढ़ियों से चली आ रही है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2014 -15 की रिपोर्ट के अनुसार राज्य के 45.3 बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। 10 में से 9 बच्चों को पोषक आहार नहीं मिलता है। सदियों से व पीढ़ियों से चले आ रहे कुपोषण के अभिशाप से झारखंड को मुक्ति कैसे मिलेगी? बता दें कि अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संस्था सेव द चिल्ड्रन का कहना है कि झारखंड प्रदेश को अभिशाप से मुक्त कराने के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत है।