आपको बताना चाहते हैं कि सरकार पुरुषों के साथ कोई भेदभाव नहीं कर रही है। सरकार की पूरी कोशिश है कि हमारे पुरुष प्रधान समाज में हमेशा में हमेशा से उपेक्षित रही महिलाओं को सशक्त बनाया जाए और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाया जाय। लेकिन यह काम तब तक नहीं हो सकता, जब तक उनके हाथ में ताक़त और पैसा न हो। इसी को दृष्टिगत रखते हुए सरकार महिलाओं के विकास के लिए अनेक योजनाएँ चला रही है। जैसे- लॉक डाउन में वित्तीय मदद उन्हीं जनधन खातों में आयी है, जिसे महिलाएँ चला रही हैं, उज्ज्वला योजना का लाभ तभी मिलेगा, जब जनधन खाता उस महिला के नाम पर हो- जिसने आवेदन किया था, ज़मीन या घर अगर महिला के नाम पर ख़रीदा जाय, तो सरकार स्टाम्प शुल्क में छूट देती है। सरकार के ये सारे कदम महिला-पुरुष भेदभाव के नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में छोटे-छोटे प्रयास हैं।
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आपको बताना चाहते हैं कि सरकार पुरुषों के साथ कोई भेदभाव नहीं कर रही है। सरकार की पूरी कोशिश है कि हमारे पुरुष प्रधान समाज में हमेशा में हमेशा से उपेक्षित रही महिलाओं को सशक्त बनाया जाए और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाया जाय। लेकिन यह काम तब तक नहीं हो सकता, जब तक उनके हाथ में ताक़त और पैसा न हो। इसी को दृष्टिगत रखते हुए सरकार महिलाओं के विकास के लिए अनेक योजनाएँ चला रही है। जैसे- लॉक डाउन में वित्तीय मदद उन्हीं जनधन खातों में आयी है, जिसे महिलाएँ चला रही हैं, उज्ज्वला योजना का लाभ तभी मिलेगा, जब जनधन खाता उस महिला के नाम पर हो- जिसने आवेदन किया था, ज़मीन या घर अगर महिला के नाम पर ख़रीदा जाय, तो सरकार स्टाम्प शुल्क में छूट देती है। सरकार के ये सारे कदम महिला-पुरुष भेदभाव के नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में छोटे-छोटे प्रयास हैं।
July 13, 2020, 5:45 p.m. | Tags: rural banking gender government scheme fuel int-PAJ women