ये बाबूलिटी तिरपुर, तमिलनाडु से प्रवासी कामगारों से बात करके, उनके माध्यम से साझा मंच मोबाईल वाणी को बता रहे हैं कि उन्हें यहाँ तमिल में अपने बच्चों को पढ़ाने में बहुत समस्या का सामना करना पड़ता है, उनसे यहाँ की फैक्ट्रियों में कम पैसे में काम भी ज़्यादा करवाया जाता है। यहाँ उनके परिवारों को, खाने-पीने में बहुत असुविधा का सामना करना पड़ता है। इसी कारण वे अपने घर जाना चाहते हैं, जिसके लिए उन्होंने रजिस्ट्रेशन तो करवा दिया है, लेकिन अभी तक उनका टिकट नहीं आया है।