ये बाबूलिटी, तिरपुर, तमिलनाडु से साझा मंच मोबाइल वाणी को बता रहे हैं कि आज इनको बिहार के एक श्रमिक भाई ने रोते हुए कॉल किया था कि “न तो मेरे पास पैसे हैं और न ही कोई काम। मुझे यहाँ से निकालकर आसाम, उड़ीसा कहीं भी भेज दो, लेकिन मैं अब यहाँ पर नहीं रहना चाहता, क्योंकि मुझे यहाँ की भाषा एकदम समझ में नहीं आती”, इसलिए वे यहाँ से निकलने में साझा मंच मोबाइल वाणी की सहायता माँग रहे हैं।