मोबाइल वाणी के साझा मंच पर आप सुन रहे हैं झारखंड राज्य की खबरें। गिरिडीह झारखंड से सर्वेश तिवारी बताते हैं कि मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि जिंदगी और जीविका के बीच संतुलन बनाकर कार्य करने की है आज जरूरत। कोरो ना वायरस के संक्रमण को रोकने और लॉक डाउन को लेकर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 17 मई के बाद लॉक डाउन का स्वरूप कैसा होना चाहिए। क्या क्या रियायतें दी जानी चाहिए।इसे लेकर सभी राज्यों से 15 मई के पहले रोडमैप तैयार करें केंद्र सरकार को भेजने को कहा गया। यह भी कहा गया कि लॉक डाउन को लेकर अपने राज्य की परिस्थितियों के अनुरूप रेड जोन, ऑरेंज व ग्रीन जोन में तब्दील कर छूट को लेकर निर्णय ले सकते हैं।मौके पर मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने भी अपने विचारों से प्रधानमंत्री श्री मोदी को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि कोरो ना संकट और लॉक डाउन को लेकर केंद्र सरकार द्वारा जो एडवाइजरी जारी किए जा रहे हैं, उसका झारखंड सरकार अक्षरशः पालन करती आ रही है और आगे भी केंद्र जो निर्णय लेगी उसका भी राज्य सरकार पालन करेगी।उन्होंने कहा कि को रोना महामारी से जंग लंबी चलेगी।ऐसे में #COVID19के प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन हो रहा है। श्री सोरेन ने झारखंड में प्रवासी मजदूरों को रोजगार से जोड़ने के लिए मनरेगा की योजनाओं को लागू करने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि मनरेगा का बजट और मानव दिवस सृजन को 50% तक बढ़ाया जाए और मनरेगा की मजदूरी दर में भी बढ़ोतरी की जाए।उन्होंने कहा कि मनरेगा को तरजीह मिलने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में काफी मदद मिलेगी।साथ ही उन्होंने झारखंड में कर संग्रह प्रणाली को बदले जाने की भी बात की,और कहा कि राज्य अपने संसाधनों की बदौलत राजस्व वसूली कर सके, ऐसी व्यवस्था की जाए। इससे राज्यों की हालत सुधरेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री से जीएसटी की राशि देने का आग्रह किया। इससे पूर्व भी प्रधानमंत्री के साथ बैठकों में वे यह आग्रह कर चुके हैं। उन्होंने प्रवासी मजदूरों की चुनौतियां बढ़ी है। सबसे बड़ी चुनौती उन्हें रोजगार उपलब्ध कराना है, ऐसे में केंद्र सरकार से सहयोग की उम्मीद है। उन्होंने प्रधानमंत्री का ध्यान इस ओर भी आकृष्ट कराया कि प्रवासी मजदूरों के लौटने का सिलसिला जारी है।अभी झारखंड में मात्र 50 से 55000 प्रवासी मजदूर ही लौट पाए हैं। जबकि इनकी संख्या लगभग 7,00,000 है। ऐसे में प्रवासी मजदूरों को इन विषम परिस्थितियों में उनके घर तक पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार कोई ठोस उपाय करें, ताकि उन पर पनप रहे भय को भी दूर किया जा सके। झारखंड मंत्रालय सभागार में वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान स्वास्थ्य मंत्री श्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजीव अरुण एक्का,स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी, एडीजी श्री पीआर के नायडू,मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल जी तिवारी, प्रेस सलाहकार श्री अभिषेक प्रसाद और मुख्यमंत्री के सचिव श्री सुनील कुमार श्रीवास्तव भी मौजूद थे।