दिल्ली एनसीआर के उद्योग विहार से रफ़ी की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से दिनेश से हुई। उन्होंने बताया कि वो एक्सपोर्ट लाइन में कार्य करते है और कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुई एक्सपोर्ट्स कंपनियाँ अधिक मात्रा में मास्क बनाने के लिए अलग कमरे व मशीन का उपयोग कर रही है। मास्क बनाने के लिए 15 से 20 लोग रख कर 500 पीस प्रतिदिन 3 रूपए के हिसाब से दिया जा रहा है।दिनेश को यह तक जानकारी नहीं है कि कंपनी को मास्क बनाने के लिए लाइसेंस मिली भी है की नहीं। साथ ही उन्हें मास्क की गुणवत्ता की जानकारी भी नहीं है। उद्योग विहार में ऐसे कई कंपनियां है जो मास्क बनाने का कार्य कर रही है।