मध्यप्रदेश मुरैना से कालीचरण जी साझा मंच मोबाईल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि, यदि मजदुर मजदूरी करने जाते हैं तो, कई जगहों पर उन्हें कार्य का मजदूरी भी नहीं दी जाती है।कई जगहों पर झूट बोलकर मजदूरों से काम लिया जाता है।कम्पनी के ठेकेदार के अंतर्गत स्कूल और कार्यालय बनते हैं तो वहां पर ठेकेदार ऐसी ही करते हैं और उनकी मजदूरी भी नहीं देते हैं। जितने पैसे में मजदूरों को काम करने के लिए ले जाते हैं, उसका आधा भी मजदूरों को नहीं दिया जाता है।इसके लिए श्रम कानून में सुधार करने की आवश्यकता है और बेरोजगारी की संख्या को भी कम करने की जरुरत है।