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झारखंड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला के विष्णुगढ़ प्रखंड से राजेश्वर महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं, कि जब से देश में स्वच्छ भारत मिशन का अध्ययन चला तब से देश में स्वक्षता के विषय में एक नई सोच उतपन्न हुई है। इसका प्रभाव गांव कस्बों एवं शहरों में देखने को मिला है। रेलवे स्टेशन,बस स्टेशन,पेट्रोल पम्प,खेल के मैदान,मेला लगने वाले जगहों में अक्सर गंदगी फैली रहती थी। आज लोगों में यह सोच बदला है और गन्दगी के अम्बार में नियंत्रण देखने को मिलने लगा है। आज हर घर में शौचालय बनाने का मुहीम शुरू हो चूका है। परन्तु गांव स्तर में केवल 20 से 30 प्रतिशत ही लोग शौचालय का इस्तेमाल कर रहें हैं।गांव में घरों के समीप शौचालय होना चाहिए जिससे लोगों को कोई परेशानी ना हो सके। किन्तु ऐसा नहीं हुवा है, गांव में अधिकतर शौचालय लोगों के घरों से 100 मीटर की दुरी पर बनाया गया है। जिसका इस्तेमाल लोग आज तक नहीं कर पाएँ हैं। मोदी जी के सरकार बनने से युवाओं के साथ-साथ बच्चों के जहन में सफाई का कीड़ा दौड़ गया है।सरकार द्वारा देश को स्वछ बनाने के लिए करोड़ों रुपया खर्च कर दिया गया वो पैसे केवल लोगों को जागरूक करने में किया गया जिसका परिणाम सकारात्मक नजर आ रहा है। क्योंकि पहले लोग कचड़ा को जहाँ-तहाँ फैक दिया करते थे लेकिन आज लोग डस्टबिन का इस्तेमाल कपड़े को डालने में करने लगे हैं। यदि डस्टबीन नहीं हैं तो लोग बड़े डब्बे का इस्तेमाल करते नजर आ रहे हैं। इस तरह से हर व्यक्ति के सोच में एक नया बदलाव आया है।

झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला के तोपचांची प्रखंड से रविंद्र महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि स्वक्षता के बिना मनुष्य अच्छे स्वास्थ्य की कामना नहीं कर सकते हैं। हर व्यक्ति का स्वास्थ्य तभी अच्छा रह सकता है जब हमारे आस-पास का वातावरण साफ़-सुथरा होगा। क्योंकि परिवेश में लगने वाले गन्दगी के कारण ही लोगों को तरह-तरह की बिमारियों से ग्रसित हो रहें हैं। अक्सर ऐसी समस्या गांव में देखने को मिलता है जब लोग कहीं भी मल मूत्र किया करते हैं और मृत पशुओं के शिशुओं को कहीं भी खुले जगहों में फैक देते हैं। यही नहीं समुदाय में सरकार द्वारा बनने वाले शौचालय का निर्माण भी केवल नाम के लिए बनाया गया है। कुछ जगहों में यदि शौचालय बना भी है तो लोग उसका इस्तेमाल नहीं करते हैं। पंचायतों में मुखियाओं के द्वारा बिना सोचे समझें नाली का निर्माण कर दिया गया जो इस्तेमाल योग नहीं है। इसमें लाखों रूपए की बरबादी हो गई साथ ही गंदगी को फैलाने में आम ग्रामीण भी पूरा सहयोग निभाते नजर आती है। जनता अपने घरों के कचड़े को घर के समीप नालियों में फैक देते हैं। जिससे नालियां अवरुद्द हो जाती है और बारिश के मौसम में नालियों का पानी भर कर सड़क पर आ जाता है। दूसरी ओर कुछ पंचयों में विशेष समुदाय के लोगों के द्वारा सडकों पर गंदे पानी को बहा दिया जाता है। जिससे लोगों को आवगमन करने में काफी परेशानी होती है। इसके बावजूद भी जनप्रतिनिधियों के द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। गांव को स्वस्थ रखने में आम जनता को भी अपना पूरा सहयोग करने की जरुरत है। उन्हें अपने सोच में बदलाव लाना चाहिए और अपने घरों के सामने साफ-सफाई बनाए रखना चाहिए। तभी हमारा समाज स्वस्थ रहेगा और हमारा स्वास्थ्य में अच्छा रहेगा

झारखंड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला के बरकट्ठा प्रखंड से बेबी कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती हैं कि स्वस्थ एवं स्वच्छता दोनों हमारे लिए पूरक हैं। यदि गांव,घर कस्बों में साफसफाई नहीं रहती है तो पुरे गांव में बीमारी का पूरक हो जाता है। पेड़ पौधे की कटाई -छटाई करने से कई तरह की बीमारियाँ होने का खतरा बन जाता है। पेड़ पौधे के होने से सभी को शुद्ध जल, हवा एवं खनिज पदार्थ आसानी से मिल जाते हैं। जिस तरह हम गांव और शहरो में सड़क के किनारे कूड़े कचड़े को फैक देते हैं। इससे आम जनता को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। गंदगी रहने से कई तरह की बीमारियां उतपन्न हो जाती है

झारखंड राज्य के पूर्वी सिंघभूम जिला के चाकुलिया प्रखंड से राम चरण पाल मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि एक अच्छे स्वास्थ्य के लिए साफ-सफाई का होना बहुत ही जरुरी है। इसके लिए सबसे जरुरी है की लोग अपने गांव को शौच मुक्त करें। और यह तभी संभव है जब गांव में ठोस शौचालय का निर्माण करना। अकसर यह सुनने को मिलता है की पंचायत स्तर एवं प्रखंड स्तर पर जितने भी शौचालयों का निर्माण किया गया है उसकी गुणवक्ता काफी ख़राब है। इसकी वजह केवल प्रखंड स्तर से चयनित किये गए ठेकेदारों की लापरवाही है। यदि आवास योजना के जैसे ही शौचालय का निर्माण किया जाए तो एक अच्छे शौचालय का निर्माण हो सकता है। जिसका उपयोग जनता आसानी से कर सकेंगे।

झारखण्ड राज्य के धनबाद ज़िला से जे.एम रंगीला मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि जब तक भ्रष्टाचार का सफाया नहीं होगा तब तक स्वछता का किया जा रहा प्रयास कामगार साबित नहीं होगा। जिस प्रकार स्वछता व स्वास्थ्य एक दूसरे का पूरक हैं ठीक उसी प्रकार भ्रष्टाचार व योजना भी एक दूसरे का पूरक हैं। भ्रष्टाचार को मिटाए बिना योजनाओं का लाभ आम जनता को नहीं मिल सकता। उनके ज़िला के प्रखंडों में शौचालय का निर्माण किया गया हैं परन्तु इसमें भी भ्रष्टाचार हुआ हैं। शौचालय निर्माण हेतु मिलने वाली बारह हज़ार की राशि पर्याप्त नहीं हैं। इस राशि से केवल शौचालय का ढांचा तैयार किया जा सकता हैं। इस राशि द्वारा बहुत जगहों में शौचालय का ढांचा तक ही खड़ा हो पाया हैं। शौचालय का पूर्णरूप से निर्माण हेतु लगभग तीस हज़ार की सहायता राशि की आवश्यता पड़ेगी। अभी जो बारह हज़ार निर्माण कार्य में उपलब्ध कराए जाते हैं उनमे से दो से ढ़ाई हज़ार कमीशन के रूप में ले लिया जाता हैं। सभी अनुमान लगा ही सकते हैं कि बची-बचाई नौ हज़ार की राशि में किस तरह की शौचालय बन कर तैयार होगी। आज भी लोग खुले में शौच करने को विवश हैं। कारण हैं शौचालय के अचानक गिर जाने का भय। सरकारी महकमें के दबाव से कई प्रखंडों को ओ.डी.एफ तो घोषित कर दिया गया हैं परन्तु स्वछता के प्रति लोग आज भी जागरूक नहीं हैं।

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला के दाढ़ी प्रखंड से मोहम्मद असरार अंसारी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि यह बात सत्य है कि स्वच्छता और स्वास्थ्य दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। हम सभी को स्वस्थ जीवन जीने के लिए एवं पर्यावरण को साफ रखने के लिए सभी समुदाय वासियों को अपने घरों के साथ-साथ गांवों,मुहल्लों,टोलों में गंदगी नहीं फैलानी चाहिए। तभी लोगों सुखमय जीवन की कल्पना कर पाएंगे। भारत सरकार द्वारा स्वच्छता अभियान चलाया गया जिसके तहत काफी शौचालयों का निर्माण कराया गया। शौचालय निर्माण होने से गांव एवं कस्बों से काफी हद तक लोगों को गंदगी से मुक्ति मिली है। अब जरुरत है की जिन राज्यों में गंदगी व्याप्त है उसके बारे में सरकार सोच विचार करें