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जिला चतरा से भीम पासवान झारखण्ड मोबाईल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि ग्राम पंचायत तुलबुल में तीन विद्यालय है इन तीनो विद्यालयो में मात्र चार माध्यमिक शिक्षक हैं और तीन पारा शिक्षक हैं,उच्च विद्यालय तुलबुल में कोई शिक्षक नहीं हैं इस विद्यालय का सञ्चालन उत्क्रमित मध्य विद्यालय तुलबुल के प्रधानाध्यापक कर रहे हैं 2009 से अभी तक पांच साल पूरा होने पर भी इस विद्यालय में एक भी उच्च विद्यालय के शिक्षक नहीं आ पाए हैं यंहा के बच्चो का भविष्य भाग्य के भरोसे है,यंहा के बच्चो को सही शिक्षा का अधिकार नहीं मिल पा रहा है। इसलिए केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार से अनुरोध है कि स्तिथि को देखते जल्द से जल्द शिक्षक की नियुक्ति की जाए।

चतरा,थानाचट्टी से भीम पासवान झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से महला आरक्षण पर कहते है की वास्तव में महिलाये पुरे भारत में घरेलु हिंसा का शिकार इसके लिए भारत सरकार ने कई सतत प्रयास किये है लेकिन महिलाये इसका लाभ नहीं ले पा रही है आरक्षण के माध्यम से महिलाये आज भले ही प्रतिनिधि के रूप में उभर कर सामने आयी है लेकिन कुर्सी पर बैठकर अभी उन्हें कार्य नहीं करने दिया जा रहा है उनके जगह पर उनके परिवार के सदस्य काम सँभालते है इस तरह से टुलमुल पंचायत में पुरुषो की तुलना में महिलाऐ ज्यादा चुनकर आयी है.

जिला चतरा,थानाचट्टी से भीम पासवान झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से महला आर्कषण पर कहते है की वास्तव में महिलाये पुरे भारत में घरेलु हिंसा का शिकार इसके लिए भारत सरकार ने कई सतत प्रयास किये है लेकिन महिलाये इसका लाभ नहीं ले पा रही है आरक्षण के माध्यम से महिलाये आज भले ही प्रतिनिधि के रूप में उभर कर सामने आयी है लेकिन कुर्सी पर बैठकर अभी उन्हें कार्य नहीं करने दिया जा रहा है उनके जगह पर उनके परिवार के सदस्य काम सँभालते है इस तरह से टुलमुल पंचायत में पुरुषो की तुलना में महिलाऐ ज्यादा चुनकर आयी है।

जिला चतरा,थानाचट्टी से भीम पासवान झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से महला आर्कषण पर कहते है की वास्तव में महिलाये पुरे भारत में घरेलु हिंसा का शिकार इसके लिए भारत सरकार ने कई सतत प्रयास किये है लेकिन महिलाये इसका लाभ नहीं ले पा रही है आरक्षण के माध्यम से महिलाये आज भले ही प्रतिनिधि के रूप में उभर कर सामने आयी है लेकिन कुर्सी पर बैठकर अभी उन्हें कार्य नहीं करने दिया जा रहा है उनके जगह पर उनके परिवार के सदस्य काम सँभालते है इस तरह से टुलमुल पंचायत में पुरुषो की तुलना में महिलाऐ ज्यादा चुनकर आयी है.

जिला चतरा,थानाचट्टी से भीम पासवान झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से महला आर्कषण पर कहते है की वास्तव में महिलाये पुरे भारत में घरेलु हिंसा का शिकार इसके लिए भारत सरकार ने कई सतत प्रयास किये है लेकिन महिलाये इसका लाभ नहीं ले पा रही है आरक्षण के माध्यम से महिलाये आज भले ही प्रतिनिधि के रूप में उभर कर सामने आयी है लेकिन कुर्सी पर बैठकर अभी उन्हें कार्य नहीं करने दिया जा रहा है उनके जगह पर उनके परिवार के सदस्य काम सँभालते है इस तरह से टुलमुल पंचायत में पुरुषो की तुलना में महिलाऐ ज्यादा चुनकर आयी है.

चतरा से वीरेंदर कुमार जी झारखण्ड मोबाइल वाणी के द्वारा एक गीत प्रस्तुत कर रहे है।

भीम पासवान चतरा से झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहना चाहते है की महिलाये जो घरेलु हिंसा का शिकार हो रही है वे स्वयं प्रयास करे और अपने ऊपर हो रहे ऐसी हिंसाओ को रोके, इन्होने कहा इनके प्रखंड में बहुत सी ऐसे महिलाये है जो किसी संस्था की मदद से घरेलु हिंसा से निकल पायी हैं।