पूर्वीसिंघभुम,घाटशिला से श्वेता शर्मा जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि एक अगस्त को माननीय मुख्य मंत्री जी द्वारा प्रभात खबर पर खबर प्रकाशित किया गया था कि पोषण सहिया का बहाली किया जायेगा,जिसका मानदेय 12 हजार रूपये होगा। ये खबर जब स्वास्थ्य सहियाओं ने देखा तो उन्हें लगा कि उनके साथ भारी अन्याय हो रहा है,क्योंकि स्वास्थ्य सहियाएं ममता और शिशु के साथ-साथ कुपोषित बच्चो की देखभाल भी करती है साथ ही सभी को कुपोषण सम्बंधित परामर्श भी देती है,जिसके कारण आज पूर्वीसिंघभूम में कुपोषण की संख्या में कमी आई है। कहा जाता है कि सहियायें स्वास्थ्य की रीढ़ की हड्डी होती है परंतु स्वास्थ्य सहियाओं को कोई भी मानदेय नही मिलता है,उनके काम का कोई समय सीमा नही है,2005-2016 तक स्वास्थ्य सहियायें चौबीसो घंटे सेवा देती आ रही है लेकिन उन लोगो को इतने सारे काम के बदौलत सिर्फ प्रोत्साहन राशि ही दी जाती है,वो भी समय पर नही। इसलिए इन लोगो को लगा कि सरकार इनके साथ गलत कर रहे है,इन लोगो को भी मानदेय मिलना चाहिए। इसलिए पूर्वीसिंघभुम के 9 प्रखंडों के सहियाओं ने अपने मांगो को लेकर एक साथ मिलकर आवाज़ उठाई ,इन्होंने 4 अगस्त से 17 अगस्त तक धरना प्रदर्शन भी की और साथ ही जब इन्होंने जिला कार्यक्रम समन्वयक के पास अपनी बात रखी तो उन्होंने कहा कि ये पोषण सहिया अलग मिशन से बहाल किये जा रहे है, जबकि स्वास्थ्य सहिया NRHM के तहत आते है, परंतु सरकार तो दोनों मिशन के लिए समान है। 11 साल से जो सहिया बिना मानदेय के सेवा देती आ रही है , क्या सरकार को इनके ऊपर सोच-विचार करने के लिए समय नही है? आंखिर सरकार और कितने दिनों तक सहियाओं से सिर्फ प्रोत्साहन राशि में ही काम करवाते रहेंगे? इसलिए इनका सरकार से नम्र निवेदन है कि इस पर उचित विचार-विमर्श किया जाये, ताकि सहियाए ख़ुशी से अपना कार्य कर सके।