दुमका(काठीकुंड):अभिषेक कुमार झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से ये कहना चाह रहे है कि गर्मी से लोग काफी परेशां है गर्मी का मौसम आते ही हम लोग होते है हम रहत की तलाश में लग जाते है में चिल्चालाती धुप अगर कही छाया मिल जाये तो मनो प्यासे को पानी मिल जाना हुआ और मुसाफिर को मंजिल गर्मी में प्यास बुझाने के लिए हमें शरबत और गोले खाने का मन करता है।आज मॉडर्न ज़माने में जीवन शैली में बदलाव आ गया है।गर्मी शुरू हुई की नहीं हम TV में दिखाए जाने वाले शीताल पेय को मुहँ लगा बैठते है यह बोतल बंद शीतल पेय हानिकारक तत्वों से बनते है जिसका पूरा प्रभाव हमारे शारीर में पड़ता है बावजूद इसके लोग इस सब चीज़ों को ठंडक का जरिया मानते है वहीँ दूसरी ओर गन्ने का रस ,लस्सी जैसे शीताल पेय से परहेज़ करने वाले भी कम नहीं है।इससे देसी कंपनीयों को तो घाटा और विदेशी कंपनीयों को फायदा होता है। और हमें देशी कंपनीयों को लाभ पहुचाएँ ताकि हमारे देश के आर्थिक लाभ पहुचाएँ।